बीजेपी प्रवक्ता और वकील गौरव भाटिया के साथ नोएडा कोर्ट परिसर में कथित रूप से हुई मारपीट के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने एक्स पर डाली गई कथित अपमानजनक पोस्ट हटाने का आदेश दिया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने कई यूट्यूब चैनलों को मुकदमे के लंबित रहने तक कथित मानहानिकारक वीडियो को प्राइवेट करने का भी निर्देश दिया है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह निर्देश भी दिया है कि जो वीडियो सार्वजनिक डोमेन से प्राइवेट किए जा चुके हैं, उसे अदालत के अगले आदेश तक सार्वजनिक डोमेन में नहीं डाला जाए. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि भाटिया को पीटने वाले वीडियो और उसके साथ मारपीट करने के दावे डीप फेक हैं. इसमें अति-सनसनीखेज चित्रण के अलावा और कुछ तथ्य स्पष्ट रूप से झूठे हैं.
बताते चलें कि भाजपा प्रवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव भाटिया 21 मार्च को ग्रेटर नोएडा की एक अदालत में एक केस की पैरवी के लिए पहुंचे थे. इस दौरान उनके साथ अधिवक्ता मुस्कान गुप्ता भी साथ थीं. जैसे ही वे कोर्ट पहुंचे, वहां मौजूद स्थानीय वकील ने उन पर हमला कर दिया. यहां वकीलों ने भाटिया का बैंड भी छीन लिया था.
बता दें कि एक जिला अदालत के अंदर वकील हड़ताल कर रहे थे. उसी दौरान गौरव भाटिया और मुस्कान गुप्ता वहां पहुंची थीं. इसी दौरान वकीलों ने उनके साथ बदसलूकी की थी. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को अदालत में सीसीटीवी कैमरे न रखने पर नोटिस जारी किया था.
सुप्रीम कोर्ट ने जोर देकर कहा था कि वह इस मामले को हल्के में नहीं लेंगे. सीजेआई ने कहा कि हम इस मामले को हल्के में नहीं लेंगे. कोई भी वकील किसी अन्य को अदालत छोड़ने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है. दरअसल, गौरव भाटिया बदसलूकी मामले में जिला अदालत प्रशासन को सीसीटीवी कैमरे सुरक्षित करने का आदेश दिया था. इसी बीच सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि सीसीटीवी फुटेज नहीं दे सकते क्योंकि वह खराब हो गए हैं.
बताते चलें कि गौरव भाटिया सपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के करीबी और पूर्व महाधिवक्ता और पूर्व राज्यसभा सांसद स्वर्गीय वीरेन्द्र भाटिया के बेटे हैं. वह सुप्रीम कोर्ट के प्रसिद्ध वकील भी हैं. यूपी में अखिलेश सरकार के दौरान वह अपर महाधिवक्ता भी रह चुके हैं. सपा छोड़ने के बाद वह अप्रैल 2017 में बीजेपी में शामिल हो गए थे. इसके बाद भाजपा ने उन्हें प्रवक्ता बना दिया था.