दिल्ली में चल रही सीलिंग की कार्रवाई में अड़ंगा लगाने वालों को सुप्रीम कोर्ट ने साफ-साफ कह दिया है कि इसमें किसी की दादागीरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. सोमवार को दिल्ली सीलिंग मामले की सुनवाई के दौरान शीर्ष कोर्ट ने कहा कि अतिक्रमण को हटाने के लिए चल रही सीलिंग में किसी तरह की रुकावट किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'हमने आदेश जारी कर दिया है. इसके पालन में कोई भी किसी की दादागीरी करे ये अपराध है. मामले की सुनवाई के दौरान उत्तरी दिल्ली नगर निगम के नजफगढ़ जोन वार्ड समिति के चेयरमैन मुकेश सूरियान की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि वह डिप्टी कमिश्नर को धमकाने के मामले में बिना शर्त माफी मांगते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने मुकेश सूरियान को फटकार लगाते हुए कहा, 'आप ये क्या कर रहे थे? हम किसी को कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दे सकते हैं. हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे कि कोई हमारे आदेश में बाधक बने. कोई कानून से ऊपर नहीं है. ये बात आप समझ लीजिए.' बता दें कि मुकेश ने सीलिंग कर रही टीम को धमकाते हुए कहा था कि उन्होंने चुटकी बजाते डीसी विश्वेन्द्र सिंह का तबादला करा दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने मुकेश सूरियान से कहा, 'आप जनप्रतिनिधि हैं. अगर आप गैर ज़िम्मेदाराना ढंग से अधिकारियों को धमकाने और सीलिंग जैसे काम में बाधा पहुंचाने की हिमाकत करेंगे तो लोग क्या करेंगे? वो तो आपको ही देख कर वैसा करेंगे.' कोर्ट ने मुकेश सूरियान को कहा कि आप हलफ़नामा दाखिल कर बिना शर्त माफ़ी मांगे. जबानी माफी से काम नहीं चलेगा.
साथ ही कोर्ट ने पूर्व नजफगढ़ जोन के निगम उपायुक्त विश्वेंद्र सिंह को 24 घंटे के भीतर दोबारा पुराने पद पर ही नियुक्त करने का आदेश दिया. विश्वेंद्र सिंह का नजफगढ़ जोन के निगम उपायुक्त पद से तबादला कर दिया गया था.