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हेल्पलाइन नंबर '181': केवल शिकायतें नहीं, निजी उलझनें भी सुनी जाती हैं

निर्भया गैंगरेप के बाद दिल्ली सरकार ने महिलाओं के लिए 181 हेल्पलाइन नंबर जारी किया. तब से लेकर आज तक करीब 11 लाख कॉल इस नंबर पर किए जा चुके हैं, लेकिन इन कॉल्स में केवल शिकायतें नहीं थी. महिलाओं ने करवा चौथ पर कौन सी ड्रेस पहनी जाए, इस पर भी राय मांगी.

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तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने इसे शुरू किया था
तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने इसे शुरू किया था

निर्भया गैंगरेप के बाद दिल्ली सरकार ने महिलाओं के लिए 181 हेल्पलाइन नंबर जारी किया. तब से लेकर आज तक करीब 11 लाख कॉल इस नंबर पर किए जा चुके हैं, लेकिन इन कॉल्स में केवल शिकायतें नहीं थी. महिलाओं ने करवा चौथ पर कौन सी ड्रेस पहनी जाए, इस पर भी राय मांगी. यह सिलसिला बदस्तूर जारी है और हेल्पलाइन टीम ऐसे कॉल्स को काउंसलर की तरह नहीं, बल्कि दोस्त की तरह अटेंड करती है और हरसंभव मदद करती है.

इस नंबर पर कुछ लड़कियों ने अपनी नौकरी या सिविल सर्विस परीक्षा पास करने की भी खुशी शेयर की. कुछ महिलाओं ने यह जानने के लिए भी इस नंबर पर कॉल किया कि उनके बच्चे के लिए शहर का कौन सा स्कूल बेहतर होगा. महिलाएं इस नंबर पर अपने कानूनी हक और अधिकार की जानकारियों के लिए भी इस नंबर पर कॉल किए हैं.

खादिजा फारूकी पेशे से एक वकील हैं और हेल्पलाइन टीम को लीड करती हैं. उन्होंने कहा, 'कॉल करने वाली कई महिलाएं ऐसी हैं जो अक्सर हमें कॉल करती हैं और कई मसलों पर सुझाव मांगती हैं. वो अपने बुरे दौर को भुला चुकी हैं और अब अपनी खुशियां हमसे बांटती हैं'. टीम के काम करने के तरीकों पर फारुकी ने बताया, 'परेशानियों से घिरी महिला को एक सलाहकार से ज्यादा दोस्त की जरूरत होती है. उसे ऐसे शख्स की दरकार होती है जिस पर वो भरोसा कर सके. हम केवल उनका दर्द नहीं सुनते, बल्कि हमदर्द बनने की कोशिश करते हैं'.

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इस टीम में 16 सदस्य हैं. हर दिन औसतन 1800 कॉल इस नंबर पर किए जाते हैं.

इसकी सफलता को देखते हुए आंध्र प्रदेश, बिहार और ओडिशा सरकार भी दिल्ली की तर्ज पर 181 हेल्पलाइन नंबर की शुरुआत करने की तैयारी में है. खादिजा फारूकी ने बताया कि नेपाल सरकार ने भी इस दिशा में अपनी रुचि दिखाई है.

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