
Delhi-NCR Pollution: दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता यानी एयर क्वालिटी'बहुत खराब' कैटेगरी में बनी हुई है. राष्ट्रीय राजधानी का औसतन वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) सुबह करीब 9 बजे 320 दर्ज किया गया, जो बीते दिन की तुलना में अधिक है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में बीते दिन (शनिवार) औसतन AQI 311 रिकॉर्ड किया गया था.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, रविवार सुबह 8 बजे दिल्ली के आनंद विहार इलाके का AQI 343 दर्ज किया गया जबकि आरके पुरम में 335 और बवाना में 334 दर्ज किया गया. दिल्ली-एनसीआर के अधिकतर इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बहुत खराब कैटेगरी में है.बता दें कि बता दें कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 से 100 के बीच को 'संतोषजनक', 101 से 200 को 'मध्यम', 201 से 300 को 'खराब', 301 से 400 को 'बहुत खराब' और 401 से 500 के बीच एक्यूआई को 'गंभीर' माना जाता है.
#WATCH | Air quality in Delhi continues to remain in 'Very poor' category with the overall AQI (Air Quality Index) at 320.
— ANI (@ANI) November 13, 2022
Visuals from the national capital this morning. pic.twitter.com/Jvi1aoTu0z
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दिल्ली में अगले कुछ दिन न्यूनतम तापमान मौसम के औसत से एक डिग्री कम यानी करीब 12 डिग्री बना रहेगा जबकि अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस रह सकता है. दिल्ली-एनसीआर में सुबह के समय हल्का कोहरे होने के बाद दिन में आसमान साफ रहेगा.
क्या पराली के कारण जहरीली हुई हवा?
प्रदूषण के मुद्दे पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने शनिवार को कहा कि किसान मजबूरी में पराली जला रहे हैं. राज्य सरकारों को पराली से मुक्ति के लिए किसानों को कटाई मशीन उपलब्ध करनी थी, लेकिन पर्याप्त संख्या में मशीन उपलब्ध नहीं होने और पराली से निपटने के अन्य उपाय नहीं होने की वजह से किसान पराली जलाने के लिए मजबूर हैं, जिसे प्रदूषण फैल रहा है.

आयोग ने ये भी कहा कि कोई भी राज्य किसानों को पराली जलाने के लिए जिम्मेदार नहीं ठहरा सकता, बल्कि इन चारों सरकारों की विफलता के कारण दिल्ली, पंजाब, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश में पराली जलाई जा रही है. जिससे हवा में प्रदूषण फैल रहा है.
बता दें कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने शुक्रवार को कहा था कि दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण के तहत पाबंदियां जारी रहेंगी क्योंकि वायु में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. GRAP के तीसरे चरण के तहत दिल्ली-एनसीआर में आवश्यक परियोजनाओं को छोड़कर सभी निर्माण और तोड़फोड़ कार्यों पर रोक है. ईंट भट्टों, हॉट मिक्स प्लांट और पत्थर तोड़ने (स्टोन क्रशर) के संचालन की भी अनुमति नहीं है.