दिल्ली में छठ पूजा को लेकर आम आदमी पार्टी और एलजी वीके सक्सेना के बीच जुबानी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है. अब AAP ने फिर एलजी के बयान को लेकर प्रतिक्रिया दी. उसने कहा- हम एलजी द्वारा सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए इस्तेमाल की जाने वाली भाषा का कड़ा विरोध करते हैं. वह रोज सार्वजनिक रूप से सीएम के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर अपने पद की गरिमा को कम कर रहे हैं.
AAP ने कहा कि सीएम एक निर्वाचित प्रतिनिधि हैं, जो लगातार तीसरी बार ऐतिहासिक वोटों के अंतर से चुनाव जीते हैं. सीएम को सार्वजनिक रूप से फटकार लगाना एलजी का काम नहीं है. एलजी चीप पब्लिसिटी चाहते हैं. वह रोज अखबारों में अपना नाम देखना चाहते हैं.
वहीं उपराज्यपाल ने सीएम अरविंद केजरीवाल को लेटर लिखकर उन्हें सलाह दी कि छठ पूजा पर गलत तथ्यों के आधार पर सार्वजनिक बयान देने से परहेज करें. इससे पहले उन्हाेंने यमुना के किनारे बने घाटों पर छठ पूजा करने को मंजूरी दी. साथ ही सीएम को निर्देश दिए हैं कि वह घाटों की सफाई करवाएं और श्रद्धालुओं के लिए पानी की व्यवस्था करें.
केजरीवाल ने यह दिया था बयान
अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की थी कि यमुना में कहीं भी छठ का पर्व किया जा सकता है लेकिन उपराज्यपाल सक्सेना ने यह साफ किया है कि छठ की पूजा सिर्फ तय घाटों पर ही की जाएगी. इसके साथ ही सक्सेना ने केजरीवाल को हिदायत दी कि वे अधूरी और भ्रामक जानकारी जनता के साथ साझा न करें.
इसके मद्देनजर एलजी ने राजस्व और पर्यावरण विभागों को यमुना में प्रदूषण के संबंध में एनजीटी के आदेशों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है. साथ ही उन्होंने केजरीवाल सरकार से छठ करने वालों के लिए निर्धारित घाटों की साफ सफाई और यमुना के पानी की सफाई को सुनिश्चित करने के लिए कहा है.
1100 जगहों पर होगी छठ पूजा
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 14 अक्टूबर को छठ पूजा को लेकर बड़ा ऐलान किया था. उन्होंने बताया था कि इस साल दिल्ली में 1100 जगहों पर सार्वजनिक तौर पर छठ पूजा की जाएगी. इतना ही नहीं केजरीवाल ने ऐलान किया था कि सरकार छठ पूजा के लिए 25 करोड़ रुपए खर्च करेगी.
केजरीवाल ने कहा था कि 30 और 31 अक्टूबर को छठ का त्योहार है. हम सब मिलकर छठी मैया से आशीर्वाद मांगेंगे और सूर्य भगवान की पूजा करेंगे. उन्होंने कहा कि जब से हमारी सरकार बनी है तब से हम भव्य रूप से इस त्यौहार को मनाने का सिलसिला चला रहे हैं. लेकिन 2 साल से कोरोना था, इसलिए हम सार्वजनिक रूप से छठ पूजा नहीं मना पाए थे. इस बार सरकार ने धूमधाम से छठ पूजा करने का फैसला किया है.