छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन से महिलाओं की तस्करी के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. फिलहाल बस्तर की तीनों युवतियों के बयान के आधार पर दुर्ग जीआरपी पुलिस ने इस मामले में मानव तस्करी का अपराध दर्ज कर लड़कियों को सखी सेंटर दुर्ग भिजवा दिया है. वहीं 2 महिला मिशनरी सिस्टर और एक युवक को गिरफ्तार भी किया गया है. गिरफ्तारी के बाद तीनों को 143 BNS के तहत न्यायालय में पेश कर न्यायालय से दुर्ग जेल भेज दिया गया है.
दरअसल बजरंग दल दुर्ग के कार्यकर्ताओं को इस बात की जानकारी मिली थी कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर की तीन लड़कियों को हमसफर एक्सप्रेस से उत्तरप्रदेश के आगरा भेजा जा रहा है. इसके बाद बजरंग दल के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में रेलवे स्टेशन पहुंचे और महिला मिशनरी सिस्टर प्रीति मैरी, वंदना फ्रांसिस सहित सुखमन मंडावी से मिलकर तीनों युवतियों के संबंध में जानकारी मांगी. लेकिन वे लोग जानकारी छिपाते रहे. कुछ देर बाद दुर्ग के ईसाई मशीनरी के महिला, पुरुष लोग भी बड़ी संख्या में पहुंच गए.
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नौकरी और पढ़ाई का दिया गया था लालच
जीआरपी पुलिस मामले की गंभीरता को समझते हुए तीनों युवतियों से पूछताछ की. इस दौरान लड़कियों ने जानकारी दी कि उन्हें अच्छी नौकरी और पढ़ाई का लालच देकर उत्तर प्रदेश के आगरा शहर ले जाया जा रहा था. सभी लड़कियां हिंदू धर्म से हैं. इनमें एक लड़की नारायणपुर, जबकि दो लड़की ओरछा की बताई जा रही हैं. लड़कियों के बयान के बाद दुर्ग जीआरपी चौकी पुलिस ने मामले में मानव तस्करी का मामला दर्ज किया है. दुर्ग जीआरपी पुलिस ने प्रीति मैरी, वंदना फ्रांसिस और सुखमन मंडावी के खिलाफ मानव तस्करी का मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर न्यायालय भेजा. जहां न्यायालय से तीनों को जेल भेज दिया गया है.
जीआरपी प्रभारी राजकुमार बोर्झा ने बताया कि बजरंग दल के रवि निगम की शिकायत पर तीन लड़कियों को छुड़ाया गया है. छुड़ाई गई लड़कियों में ओरछा थाना क्षेत्र की दो लड़की हैं व एक नारायणपुर थाना क्षेत्र की है. मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. फिलहाल तीनों को जेल भेज दिया गया है.