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छत्तीसगढ़ पुलिस में सिपाही बने थर्ड जेंडर के 13 लोग, सीएम ने किया सम्मानित

छत्तीसगढ़ पुलिस की भर्ती परीक्षा में शामिल 97 लोगों में से 23 परीक्षार्थियों का चयन फिजिकल टेस्ट के लिए हुआ था. फिजिकल टेस्ट के बाद 13 प्रतिभागी सफल हुए और उनका कांस्टेबल के पद पर चयन हुआ था.

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भूपेश बघेल (फाइल फोटो)
भूपेश बघेल (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • थर्ड जेंडर के लिए पॉलिसी बनाने वाला छत्तीसगढ़ पहला राज्य- बघेल
  • छत्तीसगढ़ सरकार ने गठित किया तृतीय लिंग समुदाय कल्याण बोर्ड

छतीसगढ़ सरकार ने थर्ड जेंडर के कल्याण के लिए पॉलिसी बनाई है. छत्तीसगढ़ सरकार ने थर्ड जेंडर के लोगों के लिए पुलिस की नौकरी के दरवाजे भी खोल दिए हैं. थर्ड जेंडर के 13 लोग छत्तीसगढ़ पुलिस में कांस्टेबल पर नियुक्त हुए हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बाकायदा मुख्यमंत्री निवास में थर्ड जेंडर समुदाय के 13 नवनियुक्त पुलिस कांस्टेबलों को सम्मानित किया और शुभकामनाएं दीं.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि इन्होंने तृतीय लिंग समुदाय के कल्याण के लिए संचालित कार्यक्रम और छत्तीसगढ़ शासन की नीति का लाभ उठाकर अपने जीवन को एक नई दिशा दी है. अपने समुदाय के लिए प्रेरक बनकर लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए उन्हें प्रेरित किया है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जिसने राज्य के तृतीय लिंग समुदाय के कल्याण और उन्हें मुख्य धारा में शामिल करने के लिए पॉलिसी बनाई है.

सीएम बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य ने तृतीय लिंग के व्यक्तियों के पुनर्वास और अधिकारों के संरक्षण के लिए कल्याण बोर्ड का गठन भी किया है. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सरकार ने इस साल के बजट में तृतीय लिंग के व्यक्तियों के पुनर्वास के लिए आश्रम सह पुनर्वास केंद्र स्थापित करने के लिए 76 लाख का प्रावधान किया है. यह देश में अपनी तरह का पहला केंद्र होगा.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि तृतीय लिंग समुदाय के डेटा के लिए ऑनलाइन सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है. सर्वेक्षण में 2 हजार 919 तृतीय लिंग के व्यक्ति चिह्नित किए गए हैं जिसमें से 1025 को पहचान पत्र जारी किया गया है. ये पहचान पत्र राशन कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड आदि के लिए मान्य है. गौरतलब है कि छतीसगढ़ पुलिस में कांस्टेबल की भर्ती परीक्षा में थर्ड जेंडर के 97 लोगों ने परीक्षा दी थी.

छत्तीसगढ़ पुलिस की भर्ती परीक्षा में शामिल 97 लोगों में से 23 परीक्षार्थियों का चयन फिजिकल टेस्ट के लिए हुआ था. फिजिकल टेस्ट के बाद 13 प्रतिभागी सफल हुए और उनका कांस्टेबल के पद पर चयन हुआ था. इसके बाद इन्हें राज्य के अलग-अलग जिलों में तैनाती भी दे दी गई. अब भूपेश बघेल ने इन्हें मुख्यमंत्री निवास बुलाकर सम्मानित किया है.

 

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