छत्तीसगढ़ के बस्तर में सबसे बड़ा नक्सली सरेंडर हुआ है. यहां 210 नक्सलियों ने आज सरेंडर कर दिया और हथियार डाल दिए हैं. जिन नक्सलियों ने सरेंडर किया है, उनमें टॉप नेता भी शामिल हैं. राज्य सरकार की तरफ से 'नक्सल उन्मूलन नीति' के तहत अब तक का सबसे बड़ा आत्मसमर्पण कार्यक्रम आयोजित किया गया. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, आज का दिन सिर्फ छत्तीसगढ़ के लिए नहीं, पूरे देश के लिए ऐतिहासिक है, जब इतने बड़े पैमाने पर नक्सली हिंसा छोड़कर संविधान और विकास के रास्ते पर लौट रहे हैं.
नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में शुक्रवार को यह ऐतिहासिक दृश्य देखा गया. यहां के रिजर्व पुलिस लाइन में आयोजित समारोह में करीब 210 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया. नक्सलियों के पास से कुल 153 हथियार बरामद किए गए हैं, जिनमें AK-47, SLR, INSAS राइफलें, LMG, .303 राइफलें, कार्बाइन, पिस्टल और BGL लॉन्चर शामिल हैं.
सरेंडर से पहले नक्सलियों ने परेड निकाली और हाथों में संविधान की कॉपी लिए देखे गए. मुख्य कार्यक्रम में भी नक्सली अपने हाथों में संविधान थामे रहे. आत्मसमर्पण करने वालों में 110 महिला और 98 पुरुष नक्सलियों के नाम शामिल हैं.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस मौके को ऐतिहासिक और निर्णायक दिन बताया. उन्होंने कहा, यह सिर्फ छत्तीसगढ़ के लिए नहीं, पूरे देश के लिए गौरव का क्षण है, जब बड़ी संख्या में नक्सली बंदूक की जगह संविधान थाम रहे हैं. सरकार उन्हें कौशल विकास और पुनर्वास के अवसर प्रदान करेगी ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें.
नक्सलियों ने कौन-कौन हथियार डाले...
- AK-47 राइफल – 19
- SLR राइफल – 17
- INSAS राइफल – 23
- INSAS LMG – 1
- .303 राइफल – 36
- कार्बाइन – 4
- BGL लॉन्चर – 11
- 12 बोर/सिंगल शॉट गन – 41
- पिस्टल – 1
कुल: 153 हथियार
नक्सलियों की काडर प्रोफाइल क्या?
सीसीएम – 1
डीकेएसजेडसी – 4
रीजनल कमेटी सदस्य – 1
डीवीसीएम – 21
एसीएम – 61
पार्टी सदस्य – 98
पीएलजीए/आरपीसी/अन्य – 22
बीजेपी नेता अमित मालवीय ने इसे ऐतिहासिक दिन बताया. उन्होंने कहा, आज नक्सलियों ने 153 हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया है. अबूझमाड़ मुक्त हो गया है, उत्तर बस्तर से लाल आतंक का सफाया हो चुका है. अब केवल दक्षिण बस्तर बचा है. यह बस्तर के लिए नई सुबह है.
हथियार छोड़ संविधान की शपथ
समर्पण करने वाले नक्सली अबूझमाड़ इलाके से जगदलपुर पहुंचे. कार्यक्रम के दौरान ये नक्सली पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के सामने भारत का संविधान हाथ में लेकर हिंसा त्यागने की शपथ ली. अधिकारियों का कहना है कि उन्हें कौशल प्रशिक्षण और पुनर्वास के तहत रोज़गार के अवसर दिए जाएंगे.