देश के सबसे बड़े नक्सल ऑपरेशन पर बुधवार को सीआरपीएफ के डीजी सहित छत्तीसगढ़ के डीजीपी ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. सीआरपीएफ के डीजी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि अगले साल 2026 तक हम देश को नक्सलमुक्त करने का प्रयास कर रहे हैं, जिसे हम हर हाल में करके रहेंगे. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सुपर नेतृत्व और मार्गदर्शन में अगले साल मार्च तक देश से नक्सलवाद को खत्म को करने का फैसला किया गया है.
उन्होंने जानकारी दी कि देश में नक्सल प्रभावित इलाके 126 से घटकर अब मात्र 18 रह गए हैं. आम लोगों के खिलाफ नक्सली घटनाएं कम हुई हैं. 2025 में सिर्फ 19 घटनाएं ही हुईं. 2025 में अब तक 718 नक्सली सरेंडर कर चुके हैं. यह छत्तीसगढ़ में अब तक सबसे दुर्गम क्षेत्र में किया गया नक्सल ऑपरेशन है. यहां 150 से ज्यादा नक्सली बंकर बनाकर रहते थे. केंद्रीय और राज्यों की पुलिस एजेंसियों की ओर से भी वित्तीय फंडिंग पर रोकथाम लगाने का प्रयास किया जा रहा है.
नक्सल मुक्त भारत का संकल्प
सीआरपीएफ डीजी ने बताया कि इस साल अब तक कुल 197 नक्सलियों को सुरक्षा बलों ने ढेर किया है. हाल ही में कुर्रगुट्टालू हिल्स में सुरक्षा बलों ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 31 नक्सलियों को मार गिराया है. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट की जानकारी देते हुए बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान हमने टारगेट से ज्यादा बेहतर इनपुट्स को इकठ्ठा किया है. आने वाले दिनों के दौरान और ज्यादा टारगेट्स को पाने का लक्ष्य रखा गया है.
'नक्सलियों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन'
उन्होंने बताया कि इस साल कुल 197 नक्सलियों को ऑपरेशन के दौरान ढेर किया गया. नक्सलियों के खिलाफ यह अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन है. ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों के ठिकानों से करीब 12,000 किलोग्राम खाना बनाने का सामान जब्त किया गया. नक्सलियों के खिलाफ 21 दिनों का विशेष ऑपरेशन चलाया गया. ऑपरेशन के दौरान हथियार बनाने की 4 फैक्ट्रियों का खुलासा किया गया और उससे जुड़े उपकरणों को जब्त किया गया. हथियारों को बनाने का काम 28 नक्सली करते थे.
'45 डिग्री सेल्सियस में भी डटे रहे जवान'
डीजी सीआरपीएफ ने बताया कि इस नक्सल ऑपरेशन के दौरान इलाके में 45 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी हमारे जवानों ने ऑपरेशन को जारी रखा. ऑपरेशन के दौरान 17 एफआईआर दर्ज की गईं, जिससे संबंधित जानकारी केंद्रीय जांच एजेंसी NIA से भी शेयर की गई है. इस ऑपरेशन के दौरान हमने करीब 450 से ज्यादा IED जब्त की.
मासूम बच्चों का भी इस्तेमाल कर रहे थे नक्सली
छत्तीसगढ़ के डीजीपी अरुण देव गौतम ने बताया कि नक्सलियों द्वारा मासूम बच्चों का भी इस्तेमाल किया जाता था. चेतना नाटक मंडली के द्वारा मासूम बच्चों को शामिल किया जाता था, जिनका प्रयोग नक्सलियों द्वारा इनपुट्स इकट्ठा करने और उससे जुड़े ऑपरेशन को आगे बढ़ाने में किया जाता था. उनके हाथों में हथियार भी दिए जाते थे. हमलोग आगे की तफ्तीश कर रहे हैं. फिलहाल अभी ऐसे मामले कम हो गए हैं.
सुरक्षाबलों ने 31 नक्सलियों को किया ढेर
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, 'नक्सल मुक्त भारत के संकल्प में एक ऐतिहासिक सफलता प्राप्त करते हुए सुरक्षा बलों ने नक्सलवाद के खिलाफ अब तक के सबसे बड़े ऑपरेशन में छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा के कुर्रगुट्टालू पहाड़ (KGH) पर 31 कुख्यात नक्सलियों को मार गिराया. जिस पहाड़ पर कभी लाल आतंक का राज था, वहां आज शान से तिरंगा लहरा रहा है. कुर्रगुट्टालू पहाड़ PLGA बटालियन 1, DKSZC, TSC & CRC जैसी बड़ी नक्सल संस्थाओं का Unified Headquarter था, जहां नक्सल ट्रेनिंग के साथ-साथ रणनीति और हथियार भी बनाए जाते थे.'
#NaxalFreeBharat के संकल्प में एक ऐतिहासिक सफलता प्राप्त करते हुए सुरक्षा बलों ने नक्सलवाद के विरुद्ध अब तक के सबसे बड़े ऑपरेशन में छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा के कुर्रगुट्टालू पहाड़ (KGH) पर 31 कुख्यात नक्सलियों को मार गिराया।
— Amit Shah (@AmitShah) May 14, 2025
जिस पहाड़ पर कभी लाल आतंक का राज था, वहाँ आज शान से…
'31 मार्च 2026 तक भारत का नक्सलमुक्त होना तय'
अमित शाह ने लिखा, 'नक्सल विरोधी इस सबसे बड़े अभियान को हमारे सुरक्षा बलों ने मात्र 21 दिनों में पूरा किया और मुझे अत्यंत हर्ष है कि इस ऑपरेशन में सुरक्षा बलों में एक भी जनहानि नहीं हुई. खराब मौसम और दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में भी अपनी बहादुरी और शौर्य से नक्सलियों का सामना करने वाले हमारे CRPF, STF और DRG के जवानों को बधाई देता हूं. पूरे देश को आप पर गर्व है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम नक्सलवाद को जड़ से मिटाने के लिए संकल्पित हैं. मैं देशवासियों को पुनः विश्वास दिलाता हूं कि 31 मार्च 2026 तक भारत का नक्सलमुक्त होना तय है.'