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रेलवे ट्रैक के निरीक्षण के दौरान हुआ हादसा, बाल-बाल बचे सेफ्टी कमिश्नर

सेफ्टी कमिश्नर अपनी टीम के साथ मोटर ट्रॉली पर सवार होकर मुंबई-हावड़ा रेल मार्ग का निरीक्षण कर रहे थे. इस दौरान छत्तीसगढ़ के रायगढ़-किरोड़ीमल रेलवे लाइन के निरीक्षण के दौरान उनकी मोटर ट्रॉली हादसे का शिकार हो गई.

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रेलवे ट्रैक पर हुआ हादसा
रेलवे ट्रैक पर हुआ हादसा

आपने एक पुराना गाना सुना होगा... 'हम थे जिनके सहारे, वो हुए ना हमारे.' कुछ ऐसा ही हुआ दक्षिण पूर्व रेलवे के सर्कल सेफ्टी कमिश्नर पी.के. आचार्य और उनके टीम के साथ. आचार्य साहब रेलवे की पटरियों का जायजा लेने निकले थे. उनके कंधों पर रेलवे के बिलासपुर, भुवनेशवर, हाजीपुर, हावड़ा समेत सात जोन की सेफ्टी की जिम्मेदारी है. सेफ्टी कमिश्नर अपनी टीम के साथ मोटर ट्रॉली पर सवार होकर मुंबई-हावड़ा रेल मार्ग का निरीक्षण कर रहे थे.

इस दौरान छत्तीसगढ़ के रायगढ़-किरोड़ीमल रेलवे लाइन के निरीक्षण के दौरान उनकी मोटर ट्रॉली हादसे का शिकार हो गई. ना तो मोटर ट्रॉली को किसी इंजन ने ठोस मारी और ना ही ट्रैक की फीस प्लेट खुली थी. बावजूद इसके सेफ्टी कमिश्नर की मोटर ट्रॉली टूटकर दो खंडों में बट गई. इस मोटर ट्रॉली में सवार पी.के. आचार्य सहित आधा दर्जन अफसर हादसे का शिकार होते बाल-बाल बचे.     

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सेफ्टी कमिश्नर के निरीक्षण के मद्देनजर मोटर ट्रॉली बिलासपुर रेलवे जोन से रवाना की गई थी. यह मोटर ट्रॉली रेलवे लाइन के निरीक्षण के लिए काफी महफूज मानी जाती है. लेकिन मौके पर ट्रॉली का एक्सल टूटकर दो भागों में बंट गया. अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि बगैर मेंटनेंस के सेफ्टी कमिश्नर को मोटर ट्रॉली उपलब्ध करा दी गई थी. इसके चलते तेज रफ्तार ट्रॉली अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई.

दुर्घटना के बाद सेफ्टी कमिश्नर समेत तमाम अधिकारी राम नाम लेते नजर आए. बताया जा रहा है कि मोटर ट्रॉली की रफ्तार और तेज होती तो हादसा बेहद गंभीर हो सकता था. फिलहाल सेफ्टी कमिश्नर ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं. भगवान का शुक्रिया अदा करते हुए सेफ्टी कमिशनर और उनकी पूरी टीम रेलवे ट्रैक के किनारे पैदल ही रायगढ़ रेलवे स्टेशन की ओर रवाना हो गई. 

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