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विद्वान दलित की क्यों नहीं होती पूजा: जीतन राम मांझी

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने एक बार फिर दलितों के साथ होने वाले भेदभाव का मुद्दा उठाया है. उन्होंने कहा कि ब्राह्मण गाली दे, श्राप दे, मारपीट करे, भष्ट्र हो, फिर भी उसे पूजा जाता है, लेकिन दलित कितना भी विद्वान हो उसकी कोई पूजा नहीं करता.

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JitanRam Manjhi
JitanRam Manjhi

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने एक बार फिर दलितों के साथ होने वाले भेदभाव का मुद्दा उठाया है. उन्होंने कहा कि ब्राह्मण गाली दे, श्राप दे, मारपीट करे, भष्ट्र हो, फिर भी उसे पूजा जाता है, लेकिन दलित कितना भी विद्वान हो उसकी कोई पूजा नहीं करता.

मांझी ने कहा , 'हम क्यों पंडित को पूजा के लिए बुलाते हैं. किस कर्म के कारण हमें दासता की जंजीर में जकड़ा जाता है. हम लोगों को समझना होगा कि जो शक्ति उनके पास है, वही शक्ति मेरे पास भी है. लोग हमें नीच कहकर अछूत मानते हैं और हम ब्राह्मणों को घर पर बुलाकर उनसे पूजा करवाते हैं. इस व्यवस्था को बदलने की जरुरत है.'

मांझी बेगूसराय के बछवाड़ में चैहरमल पूजा में हिस्सा लेने के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने यह भी बताया कि 8 मई को पटना में उनकी नई पार्टी 'हम' की बैठक होगी, जिसमें पार्टी की नई कमेटी का पुनर्गठन किया जाएगा. इसी बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष, महामंत्री, सहित कई पदाधिकारी बनाए जाएंगे और 10 मई को पार्टी को आधिकारिक रूप से लॉन्च किया जाएगा.

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