राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव शनिवार को अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव से मिलने पटना स्थित आवास पहुंचे. तेजप्रताप यादव के तलाक के मामले के बाद दोनों भाइयों की ये पहली मुलाकात है. हाल ही में तेज प्रताप के बयान भी काफी चर्चा में हैं.
तेजप्रताप-तेजस्वी की मुलाकात पर लोगों की नजरें टिकी थीं. बता दें कि हाल के दिनों में कई ऐसे मौके आए जब दोनों भाइयों की मुलाकता होते-होते रह गई. तेजप्रताप ने तेजस्वी से मिलने की पहले भी दो बार कोशिश की थी, लेकिन उनकी तेजस्वी से मुलाकात नहीं हो पाई थी. हालांकि तेजस्वी यादव अपने जन्मदिन पर दिल्ली में तेजप्रताप यादव का इंतजार करते रहे थे, लेकिन वे वृंदावन से मिलने नहीं पहुंचे. विधानसभा सत्र के दौरान भी जब तेजप्रताप सदन से निकल गए तब जाकर तेजस्वी विधानसभा पहुंचे थे.
आज अपने अर्जुन से मिलकर आगामी चुनावों को लेकर रणनीति तैयार किया एवं बिहार के कुरुक्षेत्र में विजयी होने का आशीर्वाद दिया।
तैयारी पूरी है जीत जरूरी है। pic.twitter.com/t2gKjmE9yq
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) January 5, 2019
पत्नी ऐश्वर्या से तलाक का फैसला सामने आने के बाद पटना वापस लौटे तेज प्रताप यादव फिर राजनीति में सक्रिय हुए हैं. उसके बाद से वे लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. कभी सरकार बंगले को लेकर तो कभी बिहार के सीएम नीतीश कुमार से फोन पर बात करने को लेकर कभी अपने जनता दरबार को लेकर तेज प्रताप खबरों में बने हुए हैं.
ताजा मामला पटना की पाटलिपुत्र सीट का है. तेज प्रताप ने इस सीट से अपनी बहन और राज्यसभा सदस्य मीसा भारती की दावेदारी का समर्थन कर दिया. जिसके बाद उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव को तेज प्रताप के बयान पर सफाई देनी पड़ी.
तेजस्वी यादव से शुक्रवार को जब तेज प्रताप के बयान पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो वह झल्ला उठे. तेजस्वी ने कहा कि क्या अब कैमरों पर ही बात होगी? उन्होंने यह भी कहा कि क्या पार्टी के संसदीय दल और लालूजी का कोई महत्व नहीं रह गया है? आखिर अब वे लोग क्या करेंगे?
राजनीतिक जानकार तेजस्वी यादव के इस बयान के कई मतलब निकाल रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक तेजप्रताप की लगातार बयानबाजी से पार्टी खुश नहीं है. तेजस्वी भी इसको लेकर नाराज बताए जा रहे हैं. अब देखने वाली बात ये है कि इस मुलाकात से क्या निकल कर आता है.