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बिहार सरकार पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाया 20 हजार का जुर्माना, जानें मामला

सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने कहा कि सहमति और समझौते के आधार पर पटना हाईकोर्ट द्वारा एक मामले का निपटारा कर दिया गया. इसके बावजूद विशेष अनुमति याचिका दायर की गयी. हम इसे अदालती प्रक्रिया का पूरी तरह से दुरुपयोग मानते हैं और वह भी एक राज्य सरकार द्वारा. यह अदालत के समय की भी बर्बादी है.

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सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पटना हाईकोर्ट से जुड़े मामले के निपटारे का है मामला
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ये हमारे समय की बर्बादी
  • बिहार सरकार फिर भी पहुंच गई सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार की एक अपील खारिज करते हुए अदालत का समय बर्बाद करने के लिए राज्य सरकार पर 20 हजार रुपये जुर्माना लगाया है. यह अपील विभिन्न पक्षों के एक मामले पर सहमत होने के बाद पटना हाई कोर्ट द्वारा मामले का निस्तारण करने से जुड़ी हुई थी. न्यायमूर्ति एस. के. कौल और न्यायमूर्ति आर. एस. रेड्डी ने कहा कि राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय की बेंच के आदेश के खिलाफ पिछले वर्ष सितंबर में सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका यानी एसएलपी दाखिल की थी.

हाइकोर्ट ने इस याचिका का ‘‘सहमति के आधार’’ पर निस्तारण भी कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि मामले पर कुछ समय सुनवाई के बाद राज्य सरकार की तरफ से पेश हुए वकील ने संयुक्त रूप से आग्रह किया कि अपील का सहमति के आधार पर निपटारा किया जाए.

बेंच ने कहा कि इसके बाद सहमति और समझौते के आधार पर निपटारा कर भी दिया गया. इसके बावजूद विशेष अनुमति याचिका दायर की गयी. हम इसे अदालती प्रक्रिया का पूरी तरह से दुरुपयोग मानते हैं और वह भी एक राज्य सरकार द्वारा. यह अदालत के समय की भी बर्बादी है. ये कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार पर 20 हजार का जुर्माना लगा दिया है.

 

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