राजनीति का ऊंट हमेशा आपके मन माफिक आपके करवट बैठे ऐसा भी नहीं होता. कहते हैं कि सियासत में तगड़ा जुगाड़ के साथ हमेशा पावर सेंटर के करीब रहना पड़ता है, वरना इसका खामियाजा राजनीतिक रार से चुकाना पड़ता है. इन दिनों केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के साथ ऐसा ही हो रहा है. राज्यसभा का टिकट कटने के बाद आरसीपी गुमशुम से हो गए हैं. समर्थक काफी परेशान हैं, आखिर ऐसी कौन सी चिंता है, जो आरसीपी को खाए जा रही है और आरसीपी सिंह देशभर के संतों के चरणों में शांति तलाश रहे हैं.
इन दिनों संतो का आशीर्वाद ले रहे आरसीपी
आरसीपी फिलहाल सदन के सदस्य नहीं हैं. मंत्री बने रहने के लिए सदन का सदस्य रहना जरूरी है. अपने दौरे पर निकले आरसीपी भले इसे विभागीय दौरा बताएं, लेकन इन दिनों धार्मिक जगहों के दौरे कर रहे हैं. संतों से आशीर्वाद ले रहे हैं. इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गरम है. आरसीपी सिंह सबसे पहले निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज जी से मिले. उसके बाद सोशल मीडिया पर संदेश दिया कि आचार्य महा मंडलेश्वर स्वामी कैलाश नंद गिरी महाराज से मुलाक़ात करने का अवसर प्राप्त हुआ.
हरिद्वार पहुंचे
उसके बाद आरसीपी सिंह सियासी शांति की तलाश में हरिद्वार पहुंच गए, वहां पहुंचते ही सोशल मीडिया पर लिखा कि शांतिकुंज हरिद्वार में श्रद्धेया जीजी श्रीमती शैलबाला पंड्या जी से मिलकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया और मेरे लिए ये सौभाग्य का पल था. माथे पर तिलक और भगवा साफा लपेटे आरसीपी सिंह सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं. उनके समर्थकों का कमेंट आ रहा है. वहीं कुछ लोग मीम बनाकर उनका सियासी मजाक भी उड़ा रहे हैं.
फेसबुक पर एक्टिव, यात्रा की जानकारी कर रहे साझा
वे लगातार फेसबुक पर एक्टिव हैं और हर मुलाकात की डिटेल डाल रहे हैं. उन्होंने फेसबुक पेज पर मुलाकातों का जिक्र करते हुए हाल में लिखा कि जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी अवधेशानंद गिरि जी से आज मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. उसके बाद उन्होंने परमार्थ निकेतन के प्रमुख आध्यात्मिक गुरू पुज्य स्वामी चिदानंद जी सरस्वती से आत्मीय मुलाकात की और उनके प्रति आभार प्रकट किया. सवाल उठना लाजमी है कि आखिर बिहार और केंद्र की सियासत से धीरे से बेदखल किए गए आरसीपी सिंह का रास्त अब वैराग्य की तरफ जा रहा है ?
योग गुरु बाबा रामदेव से भी मिले
आध्यात्मिक गुरुओं से मिलने के बाद आरसीपी सिंह योग गुरु बाबा रामदेव से मिले. उन्होंने इसका जिक्र करते हुए लिखा कि भारतीय योग को विश्व के कोने कोने तक पहुंचाने वाले बाबा श्री रामदेव जी से मुलाक़ात हुई और उनके साथ पतंजलि योगपीठ में स्थित वैदिक कन्या गुरुकुल का भ्रमण किया.
वैसे धार्मिक जानकारों की मानें, तो जब इंसान का सियासत, राजनीतिक और वैभव के साथ विलास से विमुख होता है तो उसमें सतोगुण का वास होता है. उसके बाद वो वैराग्य और संत परंपरा की खोज में लग जाता है. आरसीपी सिंह की हालिया मुलाकात के बाद बिहार की सियासत में कुछ इसी तरह की चर्चा है, वैसे आरसीपी सिंह का अगला कदम क्या होगा, ये भविष्य के गर्त में है!