लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस बार बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की जयंती को लेकर जमकर राजनीति हो रही है. जयंती मनाने को लेकर मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है क्योंकि यही दोनों पार्टियां सवर्णों के वोट बैंक पर अपना दावा करती रही हैं.
जयंती के नाम पर सवर्ण समुदाय को अपने पाले में लाने की कवायद दोनों पार्टियों की तरफ से की जा रही है. कांग्रेस ने 21 अक्टूबर को श्रीकृष्ण सिंह की जयंती आयोजित कर सवर्ण समाज के लोगों को साथ आने का आहवान किया था. वहीं, बीजेपी ने 25 अक्टूबर को श्रीकृष्ण सिंह की जयंती को लेकर बड़ा आयोजन रखा है.
बीजेपी की तरफ से आयोजित सम्मेलन में कई केंद्रीय मंत्रियों के अलावा बिहार बीजेपी के तमाम बड़े नेता मौजूद रहेंगे. साथ ही दलित नेता व केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले और केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी भी कार्यक्रम में मौजूद रहेंगें. बीजेपी नेता व पूर्व पार्षद विवेक ठाकुर ने इस बात की जानकारी दी.
पूर्व विधान पार्षद विवेक ठाकुर वैसे तो हर साल श्री बाबू की जयंती मनाते हैं. लेकिन इस साल श्री बाबू की जयंती को लेकर बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी है. इसके पीछे मकसद है कि श्री कृष्ण सिंह की जयंती के बहाने सवर्णों के गुस्से को कम किया जाए. बीजेपी ने इसके लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता सीपी ठाकुर के पुत्र विवेक ठाकुर को आगे किया है.
बीजेपी नेता विवेक ठाकुर ने कहा, 'बीजेपी श्री बाबू का सम्मान करना जानती है. दो दिन पहले हमारी केन्द्र सरकार ने बरबीघा स्टेशन को श्री बाबू के नाम पर करने की घोषणा की है. इसके पहले जिन लोगों ने श्री बाबू की जयंती मनाई उन लोगों ने श्री बाबू के नाम पर 5 शब्द भी नहीं बोला. उन लोगों को श्री कृष्ण सिंह की जयंती से कोई मतलब नहीं.'
उन्होंने कहा इससे पहले 21 अक्टूबर को कांग्रेस नेता अखिलेश प्रसाद सिंह की तरफ से पटना में श्री बाबू की जयंती मनाई गई थी. जयंती के बहाने सभी नेताओं ने भूमिहार समाज को बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आने के लिए आग्रह किया.