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चुनाव से पहले वसुंधरा और बीजेपी को याद आए भैरों सिंह शेखावत

राजस्थान में दिसंबर में चुनाव होने हैं, जिससे पहले आज प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत की जयंती पर बीजेपी बड़े पैमाने पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर रहे हैं. जबकि दूसरी तरफ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत वसुंधरा राजे पर भैरों सिंह शेखावत को दरकिनार करने के आरोप लगाते रहे हैं.

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भैरों सिंह शेखावत 23 अक्टूबर 1923 को पैदा हुए थे (फोटो- बीजेपी)
भैरों सिंह शेखावत 23 अक्टूबर 1923 को पैदा हुए थे (फोटो- बीजेपी)

राजस्थान में चुनाव से ठीक पहले सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी को प्रदेश के 'बाबोसा' याद आ रहे हैं. राजपूतों की नाराजगी और जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह के कांग्रेस में जाने के बाद आज बीजेपी देश के उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत की श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर रही है.

राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे भैरों सिंह शेखावत 23 अक्टूबर को सीकर में पैदा हुए थे. इस मौके पर आज शाम पांच बजे जयपुर के विद्याधर नगर में भैरों सिंह शेखावत के समाधि पर श्रद्धांजलि सभा रखी गई है, जिसमें मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समेत आधा दर्जन केंद्रीय मंत्रिमंडल और बीजेपी के राजस्थान के आला नेता भाग लेंगे.

वसुंधरा ने की शेखावत की उपेक्षा?

गौरतलब है कि कांग्रेस महासचिव और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार वसुंधरा राजे पर आरोप लगाते रहे हैं कि उन्होंने भैरों सिंह शेखावत की उपेक्षा की. इतना ही नहीं राजनीति में उनकी बेइज्जती के भी गहलोत ने आरोप लगाए और यहां तक कहा की मरने के बाद भी बीजेपी ने उनको भुला दिया

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लेकिन अब जबकि दिसंबर में राजस्थान में चुनाव होने जा रहे हैं, बीजेपी एक बार फिर भैरों सिंह शेखावत के जरिए राजपूत वोटों में सेंध लगाने की योजना बना रही है. आज की श्रद्धांजलि सभा को उसी नजरिए से देखा जा रहा है.

हालांकि यह सच है कि इससे पहले बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, वेंकैया नायडू जैसे केंद्रीय नेता भैरों सिंह शेखावत की श्रद्धांजलि सभा में जाते रहे हैं लेकिन राजस्थान के बीजेपी नेता इससे दूरी बनाए रखते थे. भैरों सिंह शेखावत के मरने के बाद राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनकी समाधि बनाने के लिए जमीन दी थी.

अब भैरों सिंह शेखावत के नाम पर वोट बटोरने की जुगत में उनका परिवार भी लगा हुआ है. शेखावत के दामाद और राज्य के पूर्व मंत्री रह चुके विधायक नरपत सिंह राजवी का वसुंधरा राजे से 36 का आंकड़ा रहा है. वसुंधरा राजे ने इस बार उनको मंत्री भी नहीं बनाया था और वह गाहे बगाहे वसुंधरा राजे का विरोध करते रहे, लेकिन इस बार वह खुद के अलावा अपने बेटे अभिमन्यु सिंह राजवी के लिए भी बीजेपी से टिकट चाहते हैं.

लिहाजा अभिमन्यु सिंह राजवी अपने नाना की याद में भैरों सिंह शेखावत की श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर रहे हैं.

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माना जाता है कि भैरों सिंह शेखावत की वजह से ही राजस्थान में राजपूत बीजेपी के परंपरागत वोटर रहे हैं और राजस्थान की राज्य में भैरों सिंह शेखावत का एक कद्दावर कद रहा है. करीब 5 दशक तक भैरों सिंह शेखावत बीजेपी और जनसंघ का राजस्थान में चेहरा रहे थे लेकिन वसुंधरा राजे की राजस्थान की राजनीति में आने के बाद वह लगातार हास्य पर चलते चले गए.

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