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रोड रेज और सड़क पर गोली मारकर हत्या... आखिर बिहार में रॉकी यादव की रिहाई के पीछे हाईकोर्ट ने क्या वजह बताई?

7 मई 2016 को बोधगया से गया की तरफ आ रहे आदित्य सचदेवा की हत्या कर दी गई थी. आदित्य सचदेवा की हत्या का आरोप रॉकी यादव, उसके दोस्त टेनी यादव और बॉडीगार्ड को राजेश कुमार पर लगा था. निचली अदालत ने तीनों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. अब हाईकोर्ट ने तीनों आरोपियों को बरी कर दिया है.

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रॉकी यादव. (फाइल फोटो)
रॉकी यादव. (फाइल फोटो)

बिहार के गया में 7 साल पहले हुए चर्चित रोड रेज के मामले में पटना हाईकोर्ट ने आरजेडी नेता बिंदी यादव और जदयू MLC मनोरमा देवी के बेटे रॉकी यादव समेत तीनों आरोपियों को बरी कर दिया. पटना हाईकोर्ट ने कहा कि इस केस में बिहार सरकार और उसकी पुलिस यह साबित करने में असफल रही है कि इन तीनों ने हत्या की घटना को अंजाम दिया था. 

दरअसल, 7 मई 2016 को बोधगया से गया की तरफ आ रहे आदित्य सचदेवा की हत्या कर दी गई थी. आदित्य सचदेवा की हत्या का आरोप रॉकी यादव, उसके दोस्त टेनी यादव और बॉडीगार्ड को राजेश कुमार पर लगा था. आरोप था कि रॉकी ने आदित्य सचदेवा की गाड़ी को ओवरटेक करने की कोशिश की थी और जब आदित्य ने रॉकी यादव की गाड़ी को साइड नहीं दिया तो दोनों के बीच बहस हुई. इस झगड़े के बाद रॉकी ने आदित्य को आगे चलकर गोली मार दी. 

निचली अदालत से मिली थी उम्रकैद की सजा

पुलिस ने इस मामले में रॉकी, टेनी और रॉकी को आरोपी बनाया था और तीनों को गिरफ्तार भी किया था. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गया कि निचली अदालत ने इस मामले में स्पीड ट्रायल किया था और 6 सितंबर 2017 को रॉकी यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. निचली अदालत ने टेनी यादव और मनोरमा देवी के बॉडीगार्ड राजेश को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. इतना ही नहीं रॉकी यादव के पिता आरजेडी नेता बिंदी यादव को सबूत मिटाने और आरोपियों को मदद पहुंचाने के आरोप में 5 साल की सजा सुनाई गई थी.  बिंदी यादव का कोरोना काल में निधन हो गया. 

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आदित्य सचदेवा की फोटो के साथ उसके माता-पिता.

हाईकोर्ट में फैसले को दी गई थी चुनौती

रॉकी यादव की ओर से हाईकोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी गई थी. अब पटना हाईकोर्ट की डबल बेंच ने आदित्य सचदेवा मर्डर केस में तीनों आरोपियों को निचली अदालत से मिली सजा को रद्द कर दिया और तीनों को बरी कर दिया. कोर्ट ने अपने फैसले में सबूतों के आभाव में तीनों को बरी करने की बात कही है.  

हाईकोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा?

हाईकोर्ट की डबल बेंच ने रॉकी समेत तीनों आरोपियों को बरी करते हुए कहा, बिहार सरकार और उसकी पुलिस यह साबित करने में असफल रही है कि इन तीनों ने हत्या की घटना को अंजाम दिया था. कोर्ट ने कहा, अभियोजन पक्ष की तरफ से पुख्ता सबूत नहीं पेश करने और ठोस तरीके से तथ्यों को नहीं रखे जाने की वजह से आरोपियों पर अपराध स्थापित नहीं हो पाया. इसी संदेह का फायदा देते हुए तीनों आरोपियों को बरी कर दिया गया है. इतना ही नहीं हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर इन तीनों आरोपियों से कोई जुर्माना वसूला गया है तो उसे भी वापस किया जाए.

 

 

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