बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल (युनाइटेड) के नेता नीतीश कुमार ने गुजरात के विकास मॉडल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वहां न्यूनतम मजदूरी लगभग 100 रुपये है, जबकि बिहार में न्यूनतम मजदूरी 162 रुपये है.
राज्य में लंबे समय के अपने सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से नाता तोड़ने के बाद बुधवार को विधानसभा में बहुमत साबित करने के दौरान नीतीश ने अपने भाषण में नरेंद्र मोदी पर कई बार हमला किया और कहा कि यह किस तरह का विकास है कि विकसित राज्य की न्यूनतम मजदूरी विकासशील राज्य से कम है.
उन्होंने कहा, 'हमने कहा कि देश का नेतृत्व ऐसे लोगों के हाथों में हो, जो सभी वर्गों को साथ लेकर चल सके.'
नीतीश ने कहा, 'जब साथ छूटा तो लोग बिहार का नारा तो नहीं लगा रहे थे, सुशील मोदी का तो नारा नहीं लगा रहे थे, नारा किसी और का लगा रहे थे. मैंने कहा था कि बाहरी लोगों का हस्तक्षेप काफी बढ़ गया है और ऐसे में साथ नहीं चल सकते.'
मोदी का नाम लिए बगैर नीतीश ने कहा, '2005 में नया बिहार का नारा दिया गया था. वह नारा मेरे नाम को जोड़कर दिया गया था. उस समय बीजेपी ने उन्हें (नरेंद्र मोदी) क्यों नहीं बुलाया. 2009 में क्यों नहीं बुलाया गया.'
नीतीश ने कोसी आपदा का भी जिक्र किया, जिस दौरान नरेंद्र मोदी ने सहायता राशि भेजी थी और उसे नीतीश ने वापस कर दिया था. उन्होंने कहा, '2010 में मैं इस्तीफा देने के लिए तैयार था. आपदाग्रस्त राज्य को मदद करने की हमारे यहां की परंपरा रही है, लेकिन जिस तरह उन्होंने विज्ञापन देकर उसे भुनाया, उसे उचित नहीं कहा जा सकता.'
बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए नीतीश ने कहा कि 'विश्वासघात दिवस' मनाने के दौरान जिस तरह का व्यवहार किया गया, उससे तो लगा कि चलो अच्छा हुआ जो अलग हो गए.