बिहार में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (AES) यानी चमकी बुखार का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. इस बुखार के कारण 100 से ज्यादा की मौतें हो चुकी है. वहीं बिहार के मुजफ्फरपुर से बीजेपी सांसद अजय निषाद का कहना है कि मुजफ्फरपुर के सरकारी अस्पताल में सुविधाओं की भारी कमी है.
सांसद अजय निषाद ने कहा कि संसाधनों के अभाव में एक बेड पर 1 से लेकर तीन-तीन बच्चों का इलाज हो रहा है. अजय निषाद ने कहा कि पूरे बिहार से बच्चे इलाज करने के लिए मुजफ्फरपुर आते हैं. इसलिए यहां पर आईसीयू की संख्या बढ़ाने की जरूरत है. निषाद ने कहा कि अगर इस पर काम किया जाए तो अगले साल तक हालात काबू में होंगे.
सांसद अजय निषाद ने कहा कि यहां डॉक्टरों की भी कमी है, लेकिन वे काम कर रहे हैं. ऐसा नहीं है कि जो भी इलाज के लिए आ रहा है उसकी मौत हो जा रही है, बल्कि 70 फीसदी मरीजों का इलाज हो रहा है. लेकिन किसी की भी मौत नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि विज्ञान इतनी तरक्की कर चुका है, लेकिन हम लोग एक बीमारी को कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं. ये दुर्भाग्यपूर्ण है.
Muzaffarpur MP Ajay Nishad: There's lack of doctors but they're working. It's not like every patient coming for treatment is dying, 70% are being cured. But there should not have been any death. Science has made so much advancement but we can't control a disease. Unfortunate! https://t.co/JzFrkKAED8
— ANI (@ANI) June 17, 2019
सांसद निषाद ने कहा कि इस बार मरीजों की संख्या पिछले साल की तुलना में बढ़ा है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण तापमान है. हालांकि कुछ लोग कह रहे हैं कि लिची खाने से ऐसा हो रहा है तो कुछ कह रहे हैं कि कुपोषण के कारण ऐसा हो रहा है. हालांकि इसका वास्तविक कारण अभी तक पता नहीं चला है. डॉक्टर और सरकार काम पर हैं. इस मुद्दे को लोकसभा में उठाएंगे.
Muzaffarpur MP Ajay Nishad on deaths due to Acute encephalitis syndrome: But the actual cause of this has not been ascertained yet. Doctors & govt are at work, we will raise this issue in the Lok Sabha. https://t.co/viy3Jiprkq
— ANI (@ANI) June 17, 2019
बता दें कि बिहार में चमकी बुखार से मरने वालों की संख्या बढ़कर 100 से ज्यादा पहुंच गई है. मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एसकेएमसीएच) और केजरीवाल अस्पताल में 375 बच्चे एडमिट हैं. चमकी बुखार से पीड़ित मासूमों की सबसे ज्यादा मौतें मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच अस्पताल में हुई हैं.