बिहार में शराबबंदी का ऐसा असर हुआ कि एक शराबी ने अपनी नशे के लत को पूरा करने के लिये ऐसा रास्ता चुना जिसको सुनकर और देखकर सभी हैरान हैं. अपनी शराब पीने की आदत से लाचार होने के कारण राणा तपेश्वर सिंह नाम का शख्स नशे के लिए खुद को कोबारा कटवाता था. उसने एक संपेरे से कोबरा सांप को खरीदा और उसके बाद सांप से अपने हाथ पर डंक मरवा कर उसके जहर का असर देखा. जहर का असर उसे शराब की बोतल के नशे के बराबर लगा और उसने खुद को सांप से डंसवाना शुरू कर दिया.
सांप से डंक मरवाकर उसे नींद अच्छी आयी. फिर क्या उसने खुद को सांप से कटवाने का सिलसिला शुरू कर दिया. राणा रोजाना अपने हांथ पर एक बार कोबरा सांप का डंक मरवाता और शराब के नशे की तरह झूम उठता. इस बात का तो खुलासा कभी नहीं होता अगर कोबरा सांप गुस्सा होकर राणा को काटने के दौरान उसके अंगूठे में डंक नहीं मारता. कोबरा ने हाथ की बजाए राणा के अंगूठे को निशाना बनाया और ज्यादा जहर उगल दिया. इसके बाद राणा की हालत खराब हो गयी और उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया.
अस्पताल में राणा का इलाज करने वाले डॉक्टर जयकांत ने उसे लगातार 18 स्नेक बाइट के इंजेक्शन लगाए, तब जाकर उसकी जान बच सकी. अब आप अंदाजा लगा सकते है कि शराबंदी का असर किस-किस रूप में हुआ है. पाबंदी के बावजूद लोग शराब पीने के आदत से बाज़ नहीं आ रहे, जिसके कारण वह नशा करने के नए-नए तरीके ढूंढ़ने में ऐसा खतरनाक रास्ता भी अपनाने लगे हैं. यहां तक की राणा की तरह सांप के डंक से अपने नशे की पूर्ति करने के चक्कर में अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं. इस घटना की जानकारी मिलते ही आसपास के लोग राणा के घर जुटने लगे हैं और उसकी कहानी सुनकर हर कोई आश्चर्यचकित भी हो रहा है. अब इलाके के लोग उसे विष पुरुष की संज्ञा भी देने लगे हैं.
पूरा मामला समस्तीपुर में वारिसनगर प्रखंड के सारी गांव का है. गांव का निवासी राणा तपेश्वर सिंह शराब पीने का इतना आदी था कि शराब नहीं मिलने पर उसे बैचैनी होती थी और रात में नींद नहीं आती थी. बिहार में शराबबंदी के बाद उसकी परेशानी और बढ़ गयी तो उसने कुछ दिन बिहार के बाहर रहकर अपने नशे की लत को पूरा किया. फिर जब वह समस्तीपुर अपने घर आया तो उसे परेशानी हुई तो डॉक्टर ने विलियम टेबलेट लेने की सलाह दी. लेकिन दवा के सेहत पर खराब असर की बात कहकर किसी ने राणा को सांप से कटवाने की सलाह दी. नशे के लिए ऐसी लत कोई पहला मामला नहीं है. बिहार में नोटबंदी के बाद कई लोग नशे की लत मिटाने के लिए साबुन तक खा चुके हैं तो कई शराब न मिलनी की वजह से बीमार होकर अस्पताल में भर्ती तक हो चुके हैं.