बाबरी विध्वंस की बरसी पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने उस दौरान बीजेपी के कद्दावर और वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की गिरफ्तारी को याद किया और उसे मौजूदा दौर से जोड़ा.
लालू यादव ने Twitter पर लिखा, 'राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद के मसले ने देश को एक नाजुक मोड़ पर खड़ा कर दिया था. मैंने आडवाणी जी को गिरफ्तार कर पूरे विश्व को एक संदेश दिया कि भारत में आज भी शांतिप्रिय और धर्मनिरपेक्ष ताकतें मजबूत हैं. हममें इतनी शक्ति है कि हम फ़िरकापरस्त और फासीवादी ताकतों को उखाड़ फेंके.'
लालू यादव ने इस ट्वीट के साथ ही 1990 में मुख्यमंत्री रहते हुए बिहार के लोगों से शांति के लिए जो अपील की थी, उसकी एक तस्वीर भी शेयर की है जो किसी अखबार की है.
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद के मसले ने देश को एक नाजुक मोड़ पर खड़ा कर दिया था। मैंने आडवाणी जी को गिरफ्तार कर पूरे विश्व को एक संदेश दिया कि भारत में आज भी शांतिप्रिय व धर्मनिरपेक्ष ताकतें मजबूत है।हममें इतनी शक्ति है कि हम फ़िरकापरस्त व फासीवादी ताकतों को उखाड़ फेंके।#BabriMasjid pic.twitter.com/ErcMYIjJ6A
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) December 6, 2021
बता दें कि बाबरी विध्वंस से ठीक दो साल पहले बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी ने 25 सितंबर, 1990 में गुजरात के सोमनाथ मंदिर से पूजा कर रथ यात्रा की शुरुआत की थी और कई राज्यों से गुजरते हुए 30 अक्टूबर को अयोध्या में उसकी समाप्ति होनी थी. इस रथयात्रा का मकसद राम मंदिर निर्माण के लिए समर्थन जुटाना था.
आडवाणी की इस रथयात्रा ने उस वक्त देश के सियासी माहौल को पूरी तरह बदल दिया था और वो देशभर में लोकप्रिय हो गए थे. रथयात्रा के दौरान वो 8 राज्यों से गुजरते हुए 8 अक्टूबर को बिहार के धनबाद पहुंचे थे (उस वक्त धनबाद बिहार का हिस्सा था, अभी यह झारखंड में है) . आडवाणी को धनबाद से रथयात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत करनी थी.
इसके बाद आडवाणी 22 अक्टूबर को पटना पहुंचे और 23 अक्टूबर को वहां एक बहुत बड़ी जनसभा की. जब वो देर रात समस्तीपुर के सर्किट हाउट में आराम करने रुके तो उस दौर के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव ने वहीं आडवाणी को गिरफ्तार करने की योजना बनाई. हालांकि लालू किसी भी कीमत पर कोई बवाल नहीं चाहते थे.
यही वजह है कि रात को लालू यादव ने खुद पत्रकार बनकर सर्किट हाउट में फोन किया जो आडवाणी के सहयोगी ने उठाया था. लालू ने उनसे पूछा कि वहां कौन-कौन से नेता हैं और कितने लोग है. जब उन्हें आडवाणी के सहयोगी ने बताया कि वहां अब कोई नहीं है और आडवाणी जी सो रहे हैं तो लालू ने आधी रात को ही उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश जारी कर दिया.
समस्तीपुर के डीएम आरके सिंह आडवाणी की गिरफ्तारी का वांरट लेकर पहुंचे और उन्हें जगाकर दिखाया. इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
कोई बवाल ना हो इसलिए पहले ही वहां अर्धसैनिक बलों की तैनाती कर दी गई थी और उन्हें हेलीकॉप्टर से वहां से ले जाया गया था. बता दें कि वही आरके सिंह अब आरा से बीजेपी के सांसद हैं और केंद्रीय मंत्री हैं.
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