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आडवाणी को राष्ट्रपति पद की रेस से बाहर करने के लिए मोदी ने रची साजिश: लालू

लालू ने आरोप लगाया कि सीबीआई, जो केंद्र सरकार के अधीन है जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट में आडवाणी के खिलाफ साक्ष्य प्रस्तुत किए ताकि उनके खिलाफ इस मामले में मुकदमा शुरू किया जा सके.

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लालू प्रसाद यादव
लालू प्रसाद यादव

25 साल पहले अयोध्या में स्थित बाबरी मस्जिद को गिराए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत 13 अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया. राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद ने आडवाणी के खिलाफ मुकदमा चलाए जाने पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आडवाणी के खिलाफ राजनीतिक साजिश रची है ताकि वो राष्ट्रपति की रेस से बाहर हो जाए.

आडवाणी पर क्या बोले लालू

गौरतलब है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल इसी साल जुलाई के महीने में पूरा होने वाला है और नए राष्ट्रपति को लेकर लालकृष्ण आडवाणी का नाम भी चर्चा का विषय बना हुआ है. लालू ने कहा कि आडवाणी को राष्ट्रपति की रेस से बाहर निकालने के लिए ही प्रधानमंत्री मोदी ने उनके खिलाफ बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में मुकदमा चलाने की साजिश रची.

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लालू ने आरोप लगाया कि सीबीआई, जो केंद्र सरकार के अधीन है जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट में आडवाणी के खिलाफ साक्ष्य प्रस्तुत किए ताकि उनके खिलाफ इस मामले में मुकदमा शुरू किया जा सके.

लालू ने कहा कि 2002 में जब गुजरात में दंगे हुए थे, उस वक्त तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उस वक्त तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को राज धर्म का पालन करने की सलाह दी थी मगर आडवाणी ने उस वक्त नरेंद्र मोदी का बचाव किया था और उनके समर्थन में आए थे. लालू ने कहा कि नरेंद्र मोदी के राजनीतिक उत्थान के लिए लालकृष्ण आडवाणी ने बड़ी भूमिका निभाई है मगर अब मोदी ने दगाबाजी करते हुए उनको राजनीतिक साजिश के तहत राष्ट्रपति की दौड़ से बाहर कर दिया.

हालांकि, भाजपा के अन्य नेता जैसे केंद्रीय मंत्री उमा भारती , राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह जिनके खिलाफ भी सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमा दायर करने का आदेश दिया है, इन लोगों के इस्तीफे की मांग को लेकर लालू यादव ने चुप्पी साध ली. लालू ने कहा कि उमा भारती या कल्याण सिंह को इस्तीफा देना चाहिए या नहीं यह उन्हें तय करना है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा ट्रिपल तलाक के मुद्दे को चीरहरण से तुलना करने को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि राजनेताओं को कुछ धर्मों के निजी कानून को लेकर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए.

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