जेएनयू में एक और छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है. यहां एक छात्रा ने एक प्रोफेसर पर अश्लील टेक्स्ट मेसेज भेजने का आरोप लगाया और इस मामले को लेकर शिकायत भी दर्ज कराई है. बता दें कि यौन उत्पीड़न के एक के बाद एक कई मामले सामने आए हैं जिससे जेएनयू अब लड़कियों के लिए सुरक्षित है या नहीं इस पर सवाल उठने लगे हैं.
ऐसे मामलों से यहां पढ़ने वाले छात्रों के माता-पिता के मन में डर बैठ गया है. हालांकि, जेएनयू छात्र संघ अध्यक्षा (JNUSU) गीता कुमारी ऐसा नहीं मानतीं. उनका कहना है कि इस तरह के मामले दुखद हैं क्योंकि यहां गुरु और शिष्य के रिश्ते पर असर पड़ रहा है, पर ऐसा भी नहीं है कि ये पहला मामला है, जब से नए वीसी आये हैं इन मामलों में इजाफा हुआ है. ऐसी दुखद हरकतों को अंजाम देने वाले प्रोफेसरों का हौसला भी बढ़ा है. बावजूद इसके लड़कियों को जितनी आजादी, जितना सहयोग जेएनयू में मिलता है वो और कहीं और नहीं मिलता.
गीता इस बात पर लगातार जोर दिया कि अगर किसी भी प्रोफेसर पर इस तरह के आरोप लगते हैं तो उसको तुरंत पद से हटा देना चाहिए. कम से कम जांच पूरी होने तक जिससे जांच पर आंच न आये. पर यहां ऐसा नहीं हो रहा जो कि चिंता का कारण है.
गीता ने कहा कि ऐसे मामलों के चलते छात्राओं के अभिभावकों को डर जरूर लग रहा होगा पर मैं अपने अनुभव से बताना चाहती हूं कि जेएनयू कल भी सुरक्षित था और आज भी है. यहां आकर मैंने अपने हुनर को पहचाना. जेएनयू ने मुझे मेरी पहचान दी, एक अस्तित्व दिया. मेरी ताकत से रूबरू कराया और हमारी भी यही कोशिश रहती है कि हम भी छात्राओं को ऐसा ही माहौल दें.
हम काउंसलिंग करते हैं, जगरुक करने के लिए कार्यक्रम चलाते हैं और लड़कियों को ये समझाते हैं कि अपने खिलाफ हो रहे किसी भी तरह के अत्याचार का खुलकर मुकाबला करो. डर कर चुप रहने की जरूरत नहीं है और यही कारण है कि जेएनयू की लड़कियां मजबूत हैं.