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नीतीश का शपथ समारोह=BJP विरोधी गैंग का मंच

नीतीश कुमार ने बिहार में जीत की हैट्रिक लगाई है. अब लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. लेकिन अबकी बार इस मौके पर जितनी चर्चा उनकी शपथ और कैबिनेट की है, उतनी ही चर्चा इसकी भी है कि इस मंच पर कौन-कौन सी पार्टियों के नेता दिखाई देने वाले हैं. क्योंकि इसके सियासी मायने बिहार से बाहर की बहार में शुमार हैं. 

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नीतीश कुमार और अरविंद केजरीवाल
नीतीश कुमार और अरविंद केजरीवाल

जेडीयू नेता नीतीश कुमार तीसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. नीतीश के साथ 28 विधायक भी मंत्री पद की शपथ लेंगे. खबर है कि नीतीश की जंबो कैबिनेट में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद के दोनों बेटे भी होंगे. उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव के उपमुख्यमंत्री बनने की चर्चा है. शपथ समारोह पटना के गांधी मैदान में होगा. इस मौके पर बीजेपी विरोध दलों के बड़े नेता भी मौजूद रहेंगे.

शपथ समारोह में ये नेता रहेंगे मौजूद
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा के इस समारोह में हिस्सा लेने की पूरी संभावना है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, सिक्किम के पवन कुमार चामलिंग समेत नौ राज्यों को मुख्यमंत्रियों को निमंत्रण भेजा गया है. कांग्रेस शासित सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को समारोह में बुलाया गया है. हिमाचल प्रदेश के वीरभद्र सिंह, कर्नाटक के सिद्धारमैया, असम के तरुण गोगोई, मणिपुर के इबोबी सिंह और अरुणाचल प्रदेश के नबाम तुकी के शिरकत करने की संभावना है. दिलचस्प है कि दिल्ली के सीएम केजरीवाल के साथ पूर्व मुख्यमंत्री और उनकी धुर विरोधी शीला दीक्षित भी इस मंच पर दिखाई दे सकती हैं.

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येचुरी से लेकर स्टालिन तक को न्योता
नीतीश ने माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और भाकपा के डी राजा को भी न्योता भेजा है. दिलचस्प यह भी है कि ये दल पहले जेडीयू के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं. लेकिन इनकी मूल प्रकृति बीजेपी विरोधी है. इसलिए ये साथ आ रहे हैं. डीएमके नेता एमके स्टालिन ने तो शपथ समारोह में आने की पुष्टि भी कर दी है. ध्यान देने वाली बात यह है कि महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी और लगातार समर्थन वापसी की धमकी दे रही शिवसेना की भी इस समारोह में मौजूदगी रहेगी. शिवसेना ने अपने दो मंत्रियों को भेजने की पुष्टि की है. पार्टी की ओर से रामदास कदम और सुभाष देसाई इस आयोजन में हिस्सा लेंगे. नीतीश ने खुद इस मौके पर शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को न्योता भेजा था. हालांकि उन्होंने आने में असमर्थता जताई है.

पूर्व सीएम भी करेंगे शिरकत
नीतीश के इस शपथ समारोह में जहां कांग्रेस के इतने मुख्यमंत्री मौजूद रहेंगे, वहीं कुछ पूर्व मुख्यमंत्री भी दिखाई दे सकते हैं. शीला दीक्षित के अलावा जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, हरियाणा के भूपेंद्र सिंह हुडा, झारखंड के अजीत जोगी, बाबूलाल मरांडी, हेमंत सोरेन और शंकर सिंह वाघेला भी शामिल हो सकते हैं. इन सबके बीच केंद्र सरकार के भी दो मंत्री इस समारोह में दिखाई देंगे. राजीव प्रताप रूडी और वेंकैया नायडू के शामिल होने की संभावना है. हालांकि नीतीश ने अबकी बार पीएम नरेंद्र मोदी को भी आमंत्रित किया था. लेकिन वह विदेश दौरे पर हैं.

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और इनकी भविष्य की योजना
बीजेपी विरोधी इतने दलों का एक साथ आना सामान्य घटना नहीं है. इसमें भविष्य की रणनीति अंतर्निहित है. हालांकि अभी तक इन्होंने कोई घोषित एजेंडा नहीं बताया है, लेकिन माना जा रहा है अब इनकी योजना संसद में साथ मिलकर काम करने की है. शपथ समारोह के बाद ये सभी नेता एक साथ बैठेंगे. नीतीश ने इनके लिए सीएम आवास 1 अणे मार्ग पर 'चाय पे चर्चा' रखी है. सूत्रों के मुताबिक यह संसद में मिलकर काम करने पर सहमति बन सकती है. यह केंद्र सरकार के खिलाफ पहला संयुक्त कदम होगा.

समाजवादी पार्टी ने किया किनारा
हालांकि समाजवादी पार्टी ने शपथ समारोह से किनारा कर लिया है. पहले यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि वह नहीं आ पाएंगे. फिर पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव ने भी कह दिया कि वह भी समारोह में हिस्सा नहीं ले पाएंगे. सूत्रों के मुताबिक शिवपाल ने शुक्रवार सुबह ही नीतीश को फोन कर आने में असमर्थता जताई है. इसके सियासी मायने निकाले जा रहे हैं और 2017 में यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव की रणनीति के दौर पर देखा जा रहा है. बीजेपी नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने भी आने में असमर्थता जताई है.

और अपने ही हो गए खफा
इन सबके बीच शपथ समारोह से पहले ही जेडीयू में असंतोष की लहर भी चल गई. जेडीयू विधायक और पूर्व मंत्री श्याम रजक कथित तौर पर नाराज हो गए हैं. सूत्रों के मुताबिक उनकी नाराजगी की वजह है कि संभावित मंत्रियों की लिस्ट में उनका नाम न होना. शपथ समारोह के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. पटना के गांधी मैदान में 2000 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. महिलाओं के लिए अलग से बैठने का इंतजाम है.

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