बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पटना में सियासी माहौल पूरी तरह गर्म हो चुका है. खास बात यह है कि सियासत की इस गर्मी की बयार दिल्ली से होकर चली है. जनता परिवार के नेता के तौर पर लालू प्रसाद ने जहां गुरुवार को नीतीश के खिलाफ जीतन राम मांझी का नाम आगे किया, वहीं बीजेपी की ओर से भी एक जबाब आया कि नीतीश अगर सीएम बनेंगे तो सिर्फ बीजेपी की मदद से ही यह संभव होगा.
यानी जिस राजनीतिक दाल को गाढ़ा बनाने के लिए छह दलों ने साथ मिलकर 'जनता परिवार' का झंडा उठाया, वह विलय के ठीक बाद खिचड़ी बनने की कगार पर है. सीएम प्रत्याशी को लेकर लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के बीच की रार अब खुलकर सामने आ गई है. बुधवार को जहां लालू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कहा कि मुख्यमंत्री पद की रेस में कोर्ट से बरी होने की स्थिति में वो भी शामिल हैं, वहीं गुरुवार को ट्वीट बम फोड़कर साफ कर दिया कि गठबंधन के लिए त्याग की भावना के लिए सभी तैयार रहें.
Alliance is bound to happen, but everyone should be prepared for bigger sacrifice.
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) May 27, 2015
क्या कुछ हुआ और कैसे
मांझी ने क्या कहा
आजतक से खास बातचीत में बिहार मे पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने साफ-साफ कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. जाहिर तौर पर मौजूदा समय में वह किसी भी राजनीतिक विकल्प को खोना नहीं चाहते. हालांकि मांझी ने यह जरूर कहा कि नीतीश के साथ गठबंधन का वह समर्थन नहीं करते हैं और किससे परहेज व किससे प्रेम वह यह अभी नहीं बता सकते. इससे पहले मांझी ने गुरुवार दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की. इस संक्षिप्त मुलाकात के बाद से ही मांझी खुश भी नजर आ रहे हैं.
पीएम से मुलाकात के बाद मांझी ने कहा, 'प्रधानमंत्री जी ने मुझसे कहा कि जिस तरह आप मुश्किल हालात में भी मुस्कुराते रहते हैं, उससे सभी को सीख लेनी चाहिए.' मुलाकात राजनीतिक थी, लेकिन बाहर जो संदेश आया वह 'मुस्कुराहट' के रूप में थी. जाहिर तौर पर संकेत कई हैं.
बीजेपी का क्या है रवैया
मांझी ने प्रधानमंत्री से दिल्ली में मुलाकात की. सियासत पटना में गर्म हुई, बात ट्विटर पर आगे बढ़ी, लेकिन इन सब के बीच उमा भारती ने भी कुछ कहा जिसे बीजेपी की आगे की रणनीति के तौर पर समझा जा सकता है. बिहार में जेडीयू और आरजेडी के विलय और गठबंधन की खबरों के बीच केंद्रीय मंत्री ये कहकर सबको चौंका दिया है कि नीतीश कुमार
बीजेपी की मदद से ही मुख्यमंत्री बन सकते हैं.
उमा भारती ने ये बयान जनकल्याण कार्यक्रम के दौरान पटना से थोड़ी ही दूर दानापुर में दिया. हालांकि उन्होंने अपने मंत्रिमंडल के साथी रामकृपाल यादव पर मंच से ऐसी टिप्पणी की रामकृपाल यादव भी झेप गए. उमा भारती ने कहा कि रामकृपाल यादव जब लालू प्रसाद के साथ थे तो बूथ कैप्चरिंग करते थे, लेकिन वह सज्जन आदमी हैं.
गौर करने वाली बात यह भी है कि जिस 'एक पार्टी, एक झंडा, एक चिन्ह और एक नेता' का नारा लेकर जनता परिवार एक हुई है, वह करीब एक महीने के बाद एक पार्टी से इतर दूसरे किसी 'एक' पर निर्णय नहीं कर पाई है. बिहार में चुनाव सिर पर हैं. आसमान से लेकर सियासत की सड़कों तक गर्मी बढ़ रही है और इन सब के जनता भी है जो सब देख रही है.