बिहार में पर्यटकों के आगमन के लिए नवंबर से फरवरी महीने का तक के मौसम को अनुकूल माना जाता है. इस वर्ष विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल बिहार के गया जिले स्थित बोधगया में दिसंबर 2011 और जनवरी 2012 की तुलना में इस वर्ष इस महीने पर्यटकों का आगमन कम होने से व्यावसायियों के लिए लाभप्रद नहीं रहा. व्यवसायियों को उम्मीद है कि फरवरी महीने में बोधगया पर्यटकों से गुलजार होगा.
व्यवसायियों का कहना है कि पर्यटकों के आने से ही उनके व्यवसाय में मुनाफा होता है. विभिन्न ट्रेवल्स एजेंसियों से जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक 5000 से पर्यटकों ने अग्रिम तौर पर यहां बुकिंग करवा चुके हैं.
टॉप ट्रेवल्स की बोधगया शाखा के प्रबंधक योगेंद्र सिंह ने बताया कि फरवरी और मार्च में थाईलैंड, इंडोनेशिया, श्रीलंका, चीन, कोरिया और यूरोप देशों के करीब 3500 यात्रियों के बोधगया आने की अग्रिम बुकिंग हो चुकी है. वे कहते हैं कि बोधगया में विदेशी पर्यटकों का आगमन फल, सब्जी और फूल बेचने वाले व्यवसायियों के लिए लाभप्रद होता है.
वे कहते हैं कि पिछले वर्ष धर्मनगरी बोधगया में बौद्ध धर्मावलंबियों ने कालचक्र पूजा का आयोजन किया था. भारत के विभिन्न राज्यों के अलावा तिब्बत, नेपाल, चीन, जापान, म्यांमार, कनाडा, अमेरिका सहित कई देशों से दो लाख से ज्यादा बौद्ध धर्मावलंबी इस कालचक्र की पूजा में आहुति देने के लिए इस ज्ञान नगरी में उपस्थित हुए थे.
शीर्ष धर्मगुरु दलाईलामा के प्रतिदिन होने वाले प्रवचन के दौरान लामाओं की एकजुटता और एकाग्रता धर्म के प्रति आस्था और शांति का संदेश पूरे विश्व में गया था. पिछले वर्ष इस आयोजन से पर्यटकों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई थी.

शशि ट्रैवल्स एंड टूर के निदेशक शशिशेखर कहते हैं कि फरवरी और मार्च महीने में श्रीलंका के एक हजार से ज्यादा पर्यटकों की बुकिंग हो चुकी है. वे आशा व्यक्त करते हैं कि अब मौसम साफ होने के कारण पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी. वे कहते हैं कि पिछले दो महीने के दौरान खराब मौसम के कारण पर्यटकों की संख्या में कमी देखी गई है.
वैसे होटलों के प्रबंधक भी फरवरी और मार्च में आने वाले पर्यटकों की बुकिंग को देखते हुए खुश हैं. होटल सुजाता के प्रबंधक दीपक कुमार कहते हैं कि फरवरी महीने में एक भी दिन होटल के खाली रहने की संभावना नहीं है. वैसे, इनका मानना है कि पिछले वर्ष कालचक्र पूजा के कारण पर्यटकों की संख्या काफी बढ़ गई थी.
गौरतलब है कि साल 2011 में 9 लाख 72 हजार विदेशी पर्यटक आए, जिनमें कालचक्र समारोह में आए 2 लाख 75 हजार पर्यटक भी शामिल हैं. इसी साल (2011 में) एक करोड़ 84 लाख पर्यटक देश के विभिन्न हिस्सों से बिहार आये थे. साल 2012 में अक्टूबर तक एक करोड़ 88 लाख पर्यटक देश के विभिन्न हिस्से से बिहार आ चुके थे.