बिहार में एक दलित के घर में केंद्रीय राज्य मंत्री का भोजन करना विवादों में आ गया है. आरोप है केंद्रीय राज्य मंत्री एसएस अहलूवालिया ने बेगुसराय में दलित के घर में जो खाना खाया, उसे बाहर किसी कुक (हलवाई) ने बनाया था. इस पर विवाद बढ़ने बाद अब अहलूवालिया ने सफाई दी है. उन्होंने तर्क दिया कि ऐसा करने के पीछे वजह क्या थी.
अहलूवालिया ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा - एक महिला घर में 200-300 लोगों का खाना कैसे पका सकती है, ऐसे में गांव में एक कुक है जो खास मौकों पर गांववालों का खाना बनाता है. उन्होंने कहा, इस बात को मुद्दा क्यों बनाया जा रहा है? बिहार के बेगुसराय में अहलूवालिया पर आरोप लगा कि उनके लिए खाना बाहर से बनवाकर मंगवाया गया था. अहलूवालिया ने दलित के घर सब्जी, चावल-दाल, पापड़ का जायका लिया था.
All villages have a cook & they are the ones to cook on occasions as a woman cannot cook for 200-300 ppl. Why is an issue being made? Why isn't emotion behind eating there being looked at?: Minister SS Ahluwalia on reports of him eating food from outside at a Dalit household pic.twitter.com/SW3kqhCz5p
— ANI (@ANI) May 5, 2018
पिछले कुछ दिनों से बीजेपी के नेताओं का दलितों के घर जाकर भोजन करने का सिलसिला शुरू हुआ है. यूपी और बिहार में कई मंत्री दलितों के घर जाकर खाना खा रहे हैं. इससे पहले यूपी में योगी आदित्यनाथ, केशव प्रसाद मौर्य, सुरेश राणा भी दलित के घर जाकर भोजन कर चुके हैं. योगी आदित्यनाथ और सुरेश राणा को लेकर विवाद भी देखने को मिला. राणा पर तो यहां तक आरोप लगे थे कि मंत्री जी अपनी तरफ से भोजन और पानी लेकर दलित के घर पहुंचे थे.
उधर, दलितों के घर भोजन करने के फैसले की विपक्षी नेताओं ने आलोचना की है. पार्टी के अपने नेताओं ने भी इस पर सवाल उठाए हैं. बीजेपी नेता उमा भारती ने कहा था - हम भगवान राम नहीं हैं कि दलितों के साथ भोजन करेंगे, तो वो पवित्र हो जाएंगे. जब दलित हमारे घर आकर साथ बैठकर भोजन करेंगे, तब हम पवित्र हो पाएंगे. दलित को जब मैं अपने घर अपने हाथों से खाना परोसूंगी तब मेरा घर धन्य हो जाएगा.