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बिहार: क्वारनटीन सेंटर में प्रवासियों को मिल रही वेलकम किट, 500 रुपये भी दिए जाएंगे

सरकार ने इनके 21 दिनों तक यहां रहने का इंतजाम किया है. रहने-खाने के अलावा इनकी चिकित्सा का भी इंतजाम किया गया है.

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सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई)
सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई)

  • कोरोना के कारण देश में लॉकडाउन
  • स्पेशल ट्रेन से लाए जा रहे हैं मजदूर

देश में कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए लॉकडाउन लागू है. इस लॉकडाउन के दौरान कई लोग दूसरे राज्यों में फंसे रह गए. इनमें मजदूर भी शामिल हैं. लेकिन अब रेलवे के जरिए चलाई गई स्पेशल ट्रेनों से लॉकडाउन में फंसें लोगों को उनके राज्यों तक पहुंचाया जा रहा है. इन लोगों में बिहार के मजदूर भी शामिल हैं.

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बिहार में अप्रवासी मजदूरों का आना लगातार जारी है. सरकार ने कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए अब तक 3 हजार से ज्यादा प्रखंड स्तरीय क्वारनटीन सेंटर बनाए हैं. अब तक 18 हजार से ज्यादा श्रमिक विभिन्न शहरों से ट्रेन से अपने-अपने स्थानीय प्रखंड स्तर के क्वारनटीन सेंटर में पहुंच रहे हैं.

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सरकार ने इनके 21 दिनों तक यहां रहने का इंतजाम किया है. रहने-खाने के अलावा इनकी चिकित्सा का भी इंतजाम किया गया है. क्वारनटीन सेंटर में आने वाले लोगों को सरकार की तरफ से एक वेलकम किट भी दिया जा रहा है, जिसमें उनकी जरूरत की सारी चीजें मौजूद हैं.

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दूसरे राज्यों में एक महीने से ज्यादा का लॉकडाउन बिता कर बिना कमाई किए, इस बार इन मजदूरों को घर आना पड़ा है. ऐसे में बिहार सरकार ने इनके रहने-खाने का इंतजाम किया है. इसके साथ ही उनकी जरूरत की चीजें एक वेलकम किट के जरिए उन्हें दे रही है. इस किट में ब्रश, साबुन, तेल, कंघी, गमछा, लुंगी, धोती, जांघिया, प्लेट, कटोरी, ग्लास, बाल्टी, मग के साथ-साथ मच्छरदानी भी दी जा रही है.

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वहीं क्वारनटीन सेंटर्स में महिलाओं के लिए भी अलग से इंतजाम है. इनके वेलकम किट में जरूरत की चीजों के अलावा साडी, ब्लाउज और सेनेट्री नैपकिन भी दी जा रही हैं ताकि इनको किसी प्रकार कि दिक्कत ना हो. वहीं लोगों से 21 दिनों के क्वारनटीन अवधि को अच्छे से पूरा करने के लिए कहा गया है. क्वारनटीन सेंटर्स पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं ताकि कोई भागे नहीं. इसके लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं.

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खाने का इंतजाम

इसके साथ ही क्वारनटीन सेंटर्स में रहने के साथ-साथ खाने का इंतजाम भी किया गया है. खाने की गुणवत्ता बनी रहे, इसका खास ख्याल रखा जा रहा है. क्वारनटीन सेंटर्स में दो बार भोजन और एक बार नास्ते का इंतजाम है. इतना ही नहीं, रमजान के महीने में रोजेदारों के लिए भी खास इंतजाम किए गए हैं. उन्हें सहरी और इफ्तार कराने का प्रबंध करने का भी सभी क्वारनटीन सेंटर के प्रभारी को निर्देश दिया है.

वहीं बिहार सरकार के आदेश पर सभी जिला प्रशासन ने इन सभी चीजों की तैयारी बाहर से आने वाले मजदूरों, छात्रों और रोजेदारों के लिए कर ली है. इसके साथ ही प्रवासी मजदूरों के जरिए 21 दिनों की क्वारनटीन अवधि पूरा करते ही मनरेगा के तहत जॉब कार्ड खुलवाकर उन्हें रोजगार देने की भी योजना बनाई गई है.

वहीं सरकार पहले ही ऐलान कर चुकी है कि 21 दिनों का क्वारनटीन पूरा करने वाले लोगों को रेल किराया वापस लौटा दिया जाएगा, जो उन्हें यात्रा के दौरान देना पड़ा था. साथ ही सरकार प्रत्येक व्यक्ति को 500-500 रूपये भी देगी.

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