वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने अंतरिम बजट में तीन महत्वपूर्ण राज्यों की उपेक्षा कर दी. इन राज्यों के लिए उन्होंने कोई अतिरिक्त राशि नहीं रखी. समझा जा रहा था कि चुनाव के मद्देनजर वह ऐसी कोई घोषणा करेंगे लेकिन उन्होंने वहां की जनता को तो निराश किया ही, मुख्य मंत्रियों को भी हैरान कर दिया.
इन राज्यों को रघुराम राजन कमिटी की रिपोर्ट के बाद केन्द्र से मदद की उम्मीद थी. बिहार को कोई अतिरिक्त राशि न देकर उन्होंने यह जता दिया कि कांग्रेस का नीतीश कुमार से मोहभंग हो गया है और वह उन्हें तवज्जो नहीं देना चाहती है. इसी तरह यूपी को भी उन्होंने पूरी तरह से दरकिनार कर दिया.
लेकिन झारखंड में कांग्रेस झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) का समर्थन कर रही है और उसके बावजूद वहां भी वित्त मंत्री ने किसी भी तरह की कोई मदद राशि नहीं दी है. इससे वहां चुनाव में पार्टी की संभावनाओं पर असर पड़ सकता है. वैसे भी पार्टी वहां बैकफुट पर है. सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक वहां पार्टी को ज्यादा से ज्यादा एक सीट मिल सकती है.
वित्त मंत्री ने इन राज्यों की बजाय पहाड़ी राज्यों उत्तराखंड और हिमाचल के अलावा पूर्वोत्तर को मदद की पेशकश की है. इन राज्यों को उनकी राशि के अलावा 1200 करोड़ रुपये और दिये जाएंगे. यह राशि इन राज्यों को अभी तुरंत मिल जाएगी.
इसके अलावा पहाड़ी राज्यों के लिए पहले ही औद्योगिक प्रोत्साहन योजनाएं लागू करने का निर्देश दिया गया है.
बिहार काफी समय से पिछड़ा राज्य घोषित किए जाने की मांग कर रहा है. कुछ महीने पहले जब नीतीश कुमार ने बीजेपी से पल्ला झाड़ा था तो उन्हें लगा था कि कांग्रेस बिहार को पिछड़ा राज्य घोषित करेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ और पार्टी ने उन्हें धत्ता बता दिया.