आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के रविवार को पटना लौटने के बाद बड़े बेटे तेज प्रताप की वजह से जो हाई वोल्टेज फैमिली ड्रामा देखने को मिला उसके बाद क्या लालू फैमिली में सब कुछ ठीक हो गया है ? यह सवाल इसीलिए पूछा जा रहा है क्योंकि रविवार को परिवार में हाई वोल्टेज ड्रामा के बाद तेजप्रताप लगातार अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कुछ ऐसी तस्वीरें साझा कर रहे हैं जिससे लगता है कि उनके और परिवार के बीच में सब कुछ ठीक हो गया है.
लालू-राबड़ी संग तेज की तस्वीर
तेज प्रताप अपने पिता लालू प्रसाद और मां राबड़ी देवी के साथ फुरसत के पल बताते हुए तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं मगर दिलचस्प बात यह है कि छोटे भाई तेजस्वी यादव के साथ उनकी कोई भी तस्वीर पिछले कुछ दिनों में नहीं आई है. बुधवार को तेज प्रताप ने अपने ट्विटर हैंडल पर लालू और राबड़ी के साथ कुछ तस्वीरें साझा की और उसमें लिखा कि काफी लंबे समय के बाद अपने पिता और सामाजिक न्याय के पुरोधा के साथ जन सुनवाई का अवसर प्राप्त किया.
इन तस्वीरों में तेज प्रताप लालू और राबड़ी देवी के साथ काफी सहज नजर आ रहे हैं. इन तस्वीरों को देखकर शायद कोई कह भी नहीं सकेगा कि बीते रविवार को अपने पिता और मां को अपने घर बुलाने पर जिद करने वाले तेजप्रताप धरने तक पर बैठ गए थे जिसके बाद हारकर लालू और राबड़ी को तेज प्रताप के घर जाना पड़ा था जिसके बाद उन्होंने अपना धरना समाप्त किया था.
पिता से क्या बात हुई?
वहीं मंगलवार को तेजप्रताप ने एक वीडियो शेयर किया था जिसमें वह लालू के साथ मोबाइल पर अपने पिता के संघर्ष की कहानी देखते नजर आ रहे हैं. “पिताजी के साथ संघर्षों के दिन जेपी आंदोलन पर चर्चा हुई जिसमें पिताजी ने बताया कि इस प्रकार उन्होंने किसानों छात्रों की आवाज को बुलंद करने का काम किया था. पिताजी ने बताया यहां आजादी मिलती नहीं छीनी जाती है चाहे वह अंग्रेजों से हो, पूंजीपतियों से हो या फिर देश की जुल्मी सरकार से” तेज प्रताप ने लिखा
गौरतलब यह भी है कि जहां लालू और राबड़ी के साथ तेज प्रताप तस्वीरों में शाहजादा रहे हैं वहीं उन्होंने बुधवार को ही एक और ट्वीट किया था और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के खिलाफ एक बार फिर से भड़ास निकाली. दरअसल, बुधवार को लालू 6 साल के अंतराल के बाद पहली बार बिहार में होने वाले उपचुनाव को लेकर प्रचार करने गए हुए थे और तेजप्रताप भी चाहते थे कि वह अपने पिता के साथ जाए मगर तेज प्रताप ने आरोप लगाया है कि जगदानंद सिंह के कारण वह अपने पिता के साथ चुनाव प्रचार में नहीं जा सके.