आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की आवाज़ थोड़ी कमजोर जरूर हुई है, लेकिन अंदाज़ वही है. तारापुर विधानसभा उप चुनाव के लिये प्रचार करने पहुंचे लालू प्रसाद को भले ही चुनाव की तारीख याद नहीं थी लेकिन जनता को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है.
लालू की रैली में भारी भीड़
2015 के चुनाव के बाद पहली बार लालू यादव ने किसी चुनावी सभा को सम्बोधित किया है. लगभग 4 साल बाद वो किसी पब्लिक मीटिंग में आये थे. तारापुर में गाजीपुर मध्य विद्यालय के मैदान में उनकी चुनावी सभा 11.30 बजे होनी थी. वो पहुंचे 12.30 बजे. लेकिन लोगों का जमावड़ा 9 बजे से लगना शुरू हो चुका था. और देखिये स्कूल भी 9 बजे ही शुरू होता है. इसलिए बच्चों की पढ़ाई आज दिन भर चौपट रही. शिक्षक पढ़ाने की कोशिश करते रहे लेकिन बच्चे नहीं माने. स्कूल में 10वीं तक की पढ़ाई होती है. छात्रों का कहना है कि स्कूल में शिक्षक नहीं हैं और दिन में पढ़ाई नहीं होती है. आज भी नहीं हो रही है.
इस मैदान में तमाम राजनैतिक दलों की रैलियों की वजह से पढ़ाई में बाधा पहुंची. केवल एक दल को इसके लिए ज़िम्मेदार नहीं बताया जा सकता है. बहरहाल इस रैली में लालू प्रसाद के साथ उनके बेटे तेजस्वी यादव भी मौजूद थे, लेकिन आज भीड़ लालू यादव को सुनने आई थी. जिससे पूछो वही लालू यादव को सुनने की बात कर रहा था. इतने दिन जनता से दूर रहने वालों को जनता भूल जाती है, लेकिन लालू के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता.
जनता की कैसी प्रतिक्रिया रही?
भीड़ में अंगद कुमार यादव भी मिले. चश्मा लगाए हुए मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारापुर सभा मे रोजगार को लेकर हंगामा कर रहे थे. उसने बताया कि पुलिस ने उसके समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया था. फिर छोड़ दिया. रोजगार की मांग करने वाला अंगद बीए पार्ट 1 का छात्र है. गाजीपुर मैदान में भीड़ इतनी जुट गई कि बैरिकेडिंग टूट गई. नेताओं को जल्दी जल्दी भाषण खत्म करना पड़ा. तेजस्वी यादव कम बोले क्योंकि जनता लालू को सुनने आई थी.
लालू की रैली में दिखे ललन यादव
वैसे लालू की रैली में वो ललन सिंह यादव भी दिखाई पड़ गए जिन्होंने हाल ही में सीएम नीतीश कुमार की रैली में जमकर बवाल काटा था. उन्होंने रोजगार को लेकर नीतीश की रैली में प्रदर्शन किया था. पुलिस ने उन्हें पकड़ा भी लेकिन बाद में छोड़ दिया गया. पुलिस ने जैसे ही उन्हें छोड़ा, वे लालू की रैली के लिए निकल लिए.
लालू ने कांग्रेस को इशारे में नसीहत दी तो एनडीए को करारा जवाब दिया. उन्होंने कहा कि मैंने आडवाणी को गिरफ्तार किया, बीजेपी से कभी हाथ नहीं मिला सकता. लालू प्रसाद पर स्वास्थ्य का असर पूरा दिख रहा था. पहले मंच पर वो नेताओं को बोलने के लिए कुछ न कुछ टिप्स देते थे. आज दूसरे उनको बात रहे थे, जाहिर है कि आदमी पर उम्र का असर होता है लेकिन उनके समर्थक कहते हैं कि शेर कभी बूढ़ा नही होता. लालू यादव भले बूढ़े हो गए हैं लेकिन उनके आने से आरजेडी के हौसले जवान हुए हैं.