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बिहारः PMCH बनेगा 5 हजार बेड वाला अस्पताल, 3 चरणों में पूरा होगा काम

पीएमसीएच को अत्याधुनिक बनाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने एक प्रस्तुतीकरण पेश किया. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने सीएम को जानकारी दी कि वर्तमान में अस्पताल की क्षमता 1,750 बेड की है और इसकी क्षमता बढ़ाकर 5,000 बेड का अस्पताल के रूप में विकसित करने की योजना है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

बिहार के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज 'पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल' (PMCH) को अत्याधुनिक बनाने की रूपरेखा तैयार कर ली गई है और इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग ने सीएम नीतीश कुमार के समक्ष एक खाका भी पेश किया जिसे मुख्यमंत्री ने काफी पसंद किया, साथ ही उन्होंने कुछ सुझाव भी दिए.

पीएमसीएच को अत्याधुनिक बनाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने एक प्रस्तुतीकरण पेश किया. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने सीएम को जानकारी दी कि वर्तमान में अस्पताल की क्षमता 1,750 बेड की है और इसकी क्षमता बढ़ाकर 5,000 बेड का अस्पताल के रूप में विकसित करने की योजना है.

3 चरणों में तैयार होगा अस्पताल

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पीएमसीएच को तीन चरणों में बहुमंजिली अत्याधुनिक अस्पताल के रूप में विकसित किया जाना है. प्रथम चरण में इसकी क्षमता 2,100 बेड की होगी, दूसरे चरण में 1,600 अतिरिक्त बेड जोड़े जाएंगे जबकि तीसरे चरण में 1,300 अतिरिक्त बेड जोड़े जाएंगे.

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तीसरे चरण के अंतिम तक पीएमसीएच की कुल क्षमता 5,000 बेड के अस्पताल के रूप में हो जाएगी.

ग्रीन बिल्डिंग कॉम्पलेक्स

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पीएमसीएच में ग्रीन बिल्डिंग कॉम्पलेक्स भी होगा और इसके निर्माण में बेस आइसोलेशन टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाएगा. अत्याधुनिक तौर पर विकसित होने के बाद पीएमसीएच 4 स्टार रेटेड कॉम्पलेक्स बन जाएगा.

प्रस्तुतिकरण के बाद नीतीश कुमार ने बताया कि पीएमसीएच को विकसित करने की योजना अच्छी है, उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि पीएमसीएच में आवासीय परिक्षेत्र एक जगह पर ही बनाने की जरूरत है जिससे पैरामेडिकल स्टॉफ, नर्सिंग स्टॉफ, डॉक्टर इत्यादि के रहने की व्यवस्था हो.

उन्होंने कहा कि अस्पताल और आवासीय क्षेत्र के अलग-अलग होने से मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी.

मुख्यमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि आवासीय परिक्षेत्र के लिए साउंडप्रूफ तकनीक का इस्तेमाल किया जाए ताकि किसी भी तरह के शोरगुल से बचा जा सके और मरीजों को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि पीएमसीएच की बिल्डिंग भूकंपरोधी और फायर प्रूफ होनी चाहिए. साथ ही बिल्डिंग के निर्माण हो जाने के बाद इसके रखरखाव पर पूरा ध्यान दिया जाए.

स्वास्थ्य विभाग की ओर से दिए गए इस प्रस्तुतिकरण के दौरान मुख्यमंत्री के अलावा राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे और मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह भी मौजूद थे.

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