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JDU विधायक दल के नेता चुने गए नीतीश, कहा- आगे से करता हूं नेतृत्व

बिहार की सियासत बहुत तेजी करवट बदल रही है. नीतीश कुमार का एक बार फिर सूबे का मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है. जेडीयू विधायकों ने नीतीश को अपना नेता चुना है.

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बिहार की सियासत बहुत तेजी करवट बदल रही है. नीतीश कुमार का एक बार फिर से सूबे का मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है. जेडीयू ने मांझी को विधायक दल के नेता पद से हटा दिया है. उनकी जगह नीतीश को अपना नेता चुना है. नीतीश शनिवार शाम राज्यपाल से बात करके सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. उधर मांझी अब भी सवैंधानिक रूप से बिहार के मुख्यमंत्री हैं और उन्होंने राज्यपाल से नीतीश खेमे के 15 मंत्रियों को हटाने की सिफारिश कर दी है.

नीतीश ने जिसे ‘मांझी’ समझा वो तो ‘नायक’ निकला

विधायक दल की बैठक में जेडीयू विधायकों को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, 'मांझी बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे थे. जेडीयू के खिलाफ साजिशें हो रही थीं. उन्होंने कहा, 'मांझी पार्टी की अनदेखी कर रहे थे. इसलिए मैं आप सबकी बात मानता हूं और मैं सामने से नेतृत्व करने में विश्वास रखता हूं.'

नीतीश ने कहा, 'सुशासन ही हमारी खासियत है. मैंने आज कई लोगों से बात की, मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से भी मुलाकात की. बिहार में अब लोग परेशान होने लगे थे. हर चीज में परेशानी होने लगी थी. इसलिए मांझी को हटाने का ये निर्णय लिया गया है.'

नीतीश कुमार ने कहा कि हमारे पास संख्या बल है और जरूरत पड़ी तो सभी विधायकों की परेड भी करा देंगे. उन्होंने कहा, 'राज्यसभा के चुनाव में खुलेआम हमारे विधायकों को खरीदने और पार्टी को तोड़ने की कोशिश की गई. अगर हम राज्यसभा के चुनाव में विजयी नहीं होते तो हमारी सरकार चल नहीं सकती थी.'

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उन्होंने कहा, 'लोकसभा चुनाव में लोगों ने हमें नकार दिया, इसलिए मैंने अपने पद से इस्तीफा दिया. इसके बाद हुए विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा. इस दौरान मैंने बिहार में सम्पर्क यात्राएं कीं, कार्यकर्ताओं को उत्साहित किया. पार्टी के कार्यकर्ताओं को संगठित करने का काम किया. हमारी नीति सबको साथ लेकर चलने की है.'

नीतीश कुमार ने कहा, 'मैंने कभी भी मांझी के काम में दखल नहीं दिया, लेकिन अभी पार्टी की छवि का सवाल था. हमारी सरकार की खासियत ही सुशासन है और हमारी लोगों को मुख्यधारा में लाने की कोशिशें जारी रहेंगी.'

दूसरी तरफ, मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाथी से विधानसभा भंग करने की सिफारिश की है. जबकि नीतीश समर्थक मंत्रियों ने राज्यपाल और राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर अपील की है कि मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा भंग करने की अनुशंसा का संज्ञान नहीं लिया जाए. अब गेंद पूरी तरह से राज्यापाल के पाले में है.

इस सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री मांझी शनिवार शाम को नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली आने वाले हैं

बिहार पर BJP की कोर ग्रुप की बैठक
प्रधानमंत्री ने बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक बुलाई. इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज और पार्टी के महामंत्री राम लाल हिस्सा लेंगे.

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