बिहार में पीएफआई पर प्रतिबंध लगने के बाद अब सियासत शुरू हो गई है. जदयू के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने बीजेपी नेताओं पर देश में तांडव करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पीएफआई एक सियासी विंग है. उस पर रोक लगाने से पहले केंद्र सरकार को जांच करनी चाहिए थी. जमा खान ने कहा कि पीएफआई ही नहीं किसी भी संगठन को ऐसे बैन करना उचित नहीं है.
बीजेपी के लोग तांडव कर रहे
जमा खान ने कहा कि देश का नेतृत्व आपके हाथ में है. इसका यह मतलब नहीं कि आपका जो मन करे वह आप कीजिएगा. आप जो कर रहे हैं, जनता उसे देख रही है. इसका 2024 में हिसाब होगा. अब यही रह गया है कि इसको बंद कर दें, उसको बंद कर दें. इसके अलावा कोई काम नहीं है. हर जगह हर राज्य में चर्चा का विषय है कि बीजेपी के लोग तांडव कर रहे हैं. सिर्फ उसी की बात हो रही है.
बिहार सरकार में मंत्री सुनील सिंह ने पीएफआई पर बैन लगाने को लेकर कहा कि जिन्होंने कार्रवाई की है, उनसे जाकर बातचीत कीजिए. यह पूरी तरह केंद्र सरकार का फैसला है. वही लोग बता सकते हैं कि आखिर प्रतिबंध क्यों लगाया? उन्होंने कहा कि 2024 में हमारा गठबंधन मजबूती से चुनाव लड़ेगा.
आरएसएस को भी बैन करना चाहिए
पीएफआई पर प्रतिबंध को लेकर पूर्व विधानपार्षद गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि अगर पीएफआई को बैन किया है तो आरएसएस को भी बैन करना चाहिए. गुलाम ने लालू के बयान का हवाला देते हुए कहा कि अगर लालू ने बैन करने की मांग की है, तो जरूर सही बात होगी.