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औरंगाबाद में भड़की हिंसा के बाद नियंत्रण में है स्थिति

घटना के बाद से औरंगाबाद की सड़कों पर सन्नाटा दिख रहा है. आधिकारिक तौर पर कर्फ्यू तो नहीं लगा लेकिन वहां का माहौल कर्फ्यू जैसा था, लोग हिंसा के बाद सहमे हुए हैं और घरों में रहना पसंद कर रहे हैं.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

औरंगाबाद में रामनवमी के दिन निकली शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा के बाद क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में है. पुलिस और सुरक्षाकर्मियों की गश्त जारी है, लेकिन घटना के पीछे की वजह जांच के बाद सामने आएगी, लेकिन पूरे मामले में कहीं न कहीं राजनीति तो है ही लेकिन प्रशासनिक चूक भी नजर आ रही है.

घटना के बाद से औरंगाबाद की सड़कों पर सन्नाटा दिख रहा है. आधिकारिक तौर पर कर्फ्यू तो नहीं लगा लेकिन वहां का माहौल कर्फ्यू जैसा था, लोग हिंसा के बाद सहमे हुए हैं और घरों में रहना पसंद कर रहे हैं.

यह घटना पुरानी जीटी रोड स्थित जामा मस्जिद के पास हुई. मस्जिद के पास सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. हिंसा के बाद तनाव बढ़ने से लोगों की दिनचर्या बिगड़ गई है.

शोभायात्रा में मौजूद रहने वाले औरंगाबाद के सांसद सुशील कुमार सिंह ने इस मामले में कहा कि यहां पहले कभी ऐसा नहीं हुआ. यह असामाजिक तत्वों का काम है क्योंकि शोभायात्रा पर सुनियोजित तरीके से पत्थरबाजी की गई. इसके लिए लोगों के घरों में पहले से पत्थर जमा किए गए थे. इसमें राजनीति की जा रही है.

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स्थिति को नियंत्रण करने के लिए विशेष तौर पर औरंगाबाद भेजे गए बीएमपी के डीजी गुप्तेश्वर पांडेय ने पूरे शहर का जायजा लेकर स्थिति को नियंत्रण में बताया और कहा कि कल तक स्थिति सामान्य हो जाएगी. उन्होंने कहा कि इस घटना के पीछे और जिम्मेदार लोगों की जांच की जाएगी, लेकिन अभी हमारी प्राथमिकता शांति बहाल करने की है.

उन्होंने कहा कि दंगा फैलाने के आरोप में 125 लोग गिरफ्तार किया गया है इस घटना में किसी की मौत नहीं हुई है. हालांकि 3 लोग घायल जरूर हुए हैं और उनका इलाज चल रहा है.

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