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ये रहा नीतीश के खिलाफ मांझी का छक्का

बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी 20 फरवरी को विधानसभा में शक्ति परीक्षण से गुजरेंगे. लेकिन उससे पहले ही उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी खेमे की नींद उड़ा दी है. उनकी पार्टी जेडीयू उनसे पीछा छुड़ाने की जुगत में है, लेकिन मांझी हैं कि गद्दी नहीं छोड़ रहे हैं. इतना ही नहीं उन्होंने कई बड़े फैसले भी किए हैं, हालांकि पटना हाईकोर्ट ने उन्हें कहा है कि उन फैसलों पर वे 20 फरवरी के बाद ही अमल कर सकेंगे.

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जीतन राम मांझी
जीतन राम मांझी

बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी 20 फरवरी को विधानसभा में शक्ति परीक्षण से गुजरेंगे. लेकिन उससे पहले ही उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी खेमे की नींद उड़ा दी है. उनकी पार्टी जेडीयू उनसे पीछा छुड़ाने की जुगत में है, लेकिन मांझी हैं कि गद्दी नहीं छोड़ रहे हैं. इतना ही नहीं उन्होंने कई बड़े फैसले भी किए हैं, हालांकि पटना हाईकोर्ट ने उन्हें कहा है कि उन फैसलों पर वे 20 फरवरी के बाद ही अमल कर सकेंगे.

आइए देखते हैं कि सीएम मांझी ने कौन से छह बड़े फैसले किए हैं , जिनसे उन्हें फायदा पहुंच सकता हैः

1. मांझी ने एक बड़ा फैसला दलितों के हक में लिया है. उन्होंने आदेश दिया है कि सड़क निर्माण के ठेके एक खास वर्ग के लोगों को ही दिए जाएं.
2. मांझी ने आरक्षण कार्ड खेलते हुए गैर-राजपत्रित कर्मचारियों की नियुक्तियों में महिलाओं के लिए 35 फीसदी कोटा रखने का फैसला किया है.
3. होमगार्ड के जवानों की उम्र सीमा बढ़ाकर 58 से 60 साल करने का फैसला मांझी सरकार ने किया. कैबिनेट ने उनका दैनिक भत्ता बढ़ाकर 300 रुपये से 400 रुपये कर दिया.
4. पुलिस विभाग में सिपाही के स्तर से लेकर इंसपेक्टर तक के कर्मियों को एक महीने की अतिरिक्त सैलरी भी देने का फैसला मांझी सरकार ने किया.
5. दो शोध संस्थानों 'कर्पूरी ठाकुर शोध संस्थान' और 'स्वामी सहजानंद शोध संस्थान' की स्थापना को मांझी सरकार द्वारा मंजूरी दी गई.
6. मांझी ने एक दिन में 13 परियोजनाओं का शिलान्यास किया और 21 परियोजनाओं को हरी झंडी दिखाई. उन्होंने 2,426 सड़कों का शिलान्यास भी किया, जिन पर 3,580 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. उन्होंने तीन सड़कों और पुलों का भी उद्घाटन किया.

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