Weight loss injection: भारत में डेनमार्क की ड्रग मेकिंग नोवो नॉर्डिस्क ने जून में वजन घटाने वाला इंजेक्शन वेगोवी (Wegovy) लॉन्च किया था. इंडिया में लॉन्च होने के बाद इसकी काफी बिक्री हुई. हाल ही में इस कंपनी ने अपनी दवाओं की कीमतों में 37 फीसदी की कटौती की है. कीमतें कम होने के कारण अब इसकी शुरुआती डोज की साप्ताहिक कीमत घटकर 2712 रह गई है जो पहले 4366 रुपये प्रति सप्ताह थी. कंपनी के कॉर्पोरेट वाइस प्रेसिडेंट और इंडिया मैनेजिंग डायरेक्टर विक्रांत श्रोत्रिय ने इंडिया टुडे से बात करते हुए बताया कि कंपनी ने ये फैसला मरीजों की प्रतिक्रिया और अफॉर्डेबिलिटी को ध्यान में रखते हुए किया है.
Wegovy को भारत में जून 2025 में लॉन्च की थी और ठीक दो महीने बाद जब अमेरिकी फार्मा कंपनी एली लिली ने वेगोवी की प्रतिद्वंदी दवा मौनजारो भारतीय बाजार में उतारी थी. लॉन्च के 7 महीने के अंदर ही मौनजारो ने 100 करोड़ की बिक्री की थी जब कि वेगोवी की बिक्री इसकी करीब 10 प्रतिशत ही हुई थी. लेकिन इतनी कम बिक्री के बाद भी विक्रांत श्रोत्रिय का मानना है कि वेगोवी की संभावनाएं बहुत मजबूत हैं.
भारत में मोटापे का बढ़ता संकट
ICMR और MDRF की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, देश के 28.6 प्रतिशत लोग यानी करीब 25.4 करोड़ भारतीय मोटापे से ग्रस्त हैं इस कारण मोटापा भारत में मोटापा एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बना हुआ है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि मोटापा अब केवल एक लाइफस्टाइल की समस्या नहीं रह गई है बल्कि अब ये क्रॉनिक और रिलेप्सिंग बीमारी मानी जा रही है जो डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज और स्लीप एपनिया जैसी कई बीमारियों को जन्म दे सकती है.
वेगोवी VS मौनजारो

वेगोवी और मौनजारो दोनों इंजेक्शन मुख्य रूप से टाइप-2 डायबिटीज के इलाज के लिए बनाए गए थे लेकिन इनकी डोज से मोटापे को भी कंट्रोल किया जा सकता है.
विक्रांत श्रोत्रिय का कहना है कि वेगोवी का सबसे बड़ा फायदा हार्ट और किडनी के लिए सामने आए हैं. रिसर्च बताती हैं कि सेमाग्लूटाइड (Wegovy का प्रमुख घटक) किडनी फेलियर, हार्ट अटैक और मृत्यु के जोखिम को ट्रेजेपेटाइड (Mounjaro) की तुलना में अधिक प्रभावी ढंग से कम करता है.
भारत का मोटापा बाजार तेजी से बढ़ेगा
विक्रांत श्रोत्रिय का कहना है कि भारत में इन दवाओं की शुरुआत अभी बस हिमशिखर के सिरे की तरह है. आने वाले 10–20 साल में ये इलाज भारत के स्वास्थ्य परिदृश्य को पूरी तरह बदल सकते हैं. अभी भारत का एंटी-ओबेसिटी दवा बाजार करीब 3000–3500 करोड़ रुपये का है लेकिन अनुमान के मुताबिक 2030 तक यह करीब 25,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है.
अमेरिका ने पहले ही मोटापे की दर में कमी लाने में ड्रग बेस्ड थैरेपीज में सफलता पा ली है. श्रोत्रिय का मानना है कि भारत भी उसी राह पर आगे बढ़ सकता है. 'देश में मोटापे से जूझ रहे करीब 25 करोड़ लोगों के लिए वेगोवी जैसे इलाज उम्मीद की किरण जैसा दिखता है. ये दवाएं सिर्फ वजन घटाने के लिए नहीं बल्कि लंबे समय तक बेहतर हेल्थ रिजल्ट देने की क्षणता रखती है.'