कोरोना से सहमी इस दुनिया के सामने मंकीपॉक्स एक नया खतरा बनकर सामने खड़ा हो गया है. वर्ल्ड हेल्थ नेटवर्क का डेटा बताता है कि अब तक पूरी दुनिया के 58 देशों में मंकीपॉक्स के 3417 मामले आ चुके हैं. अब वर्ल्ड हेल्थ नेटवर्क ने इस पर चिंता जताते हुए मंकी पॉक्स को महामारी (Pandemic) घोषित कर दिया है. साथ ही डब्ल्यूएचओ से इस पर ग्लोबल एक्शन के लिए कहा है.
एम्स में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ युद्धवीर सिंह बताते हैं कि मंकी पॉक्स का खतरा काफी तेजी से बढ़ रहा है. ये पशुओं से फैला वायरस जिस स्पीड में ह्यूमन टू ह्यूमन बढ़ रहा है, वो काफी चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि वर्ल्ड हेल्थ नेटवर्क एक ग्लोबल वॉचडॉग संस्था है, उन्होंने डब्ल्यूएचओ को संस्तुति दी है कि इस पर ग्लोबल एक्शन हो. साथ ही डब्ल्यूएचएन ने इसे पैनडेमिक घोषित कर दिया है. डॉ युद्धवीर ने कहा कि हालांकि भारत में अभी इसके मामले बहुत कम हैं, लेकिन हमें भी सचेत होने की बहुत जरूरत है.
बता दें कि मंकीपॉक्स वायरस धीमे-धीमे कई महाद्वीपों में तेजी से फैल रहा है. विश्व स्वास्थ्य नेटवर्क के आंकड़े बताते हैं कि ये जिस तेजी से फैल रहा है, समय रहते अगर हम सचेत नहीं हुए तो पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले लेगा. इसी चिंता को देखते हुए वर्ल्ड हेल्थ नेटवर्क ने इसे महामारी घोषित कर दिया है.
विश्व स्वास्थ्य नेटवर्क ने इसके बचाव और रोकथाम के लिए वैश्विक कार्रवाई की जरूरत है. बता दें कि WHN ने WHO की बैठक से ठीक पहले ये घोषणा करके इसे गंभीर संकट के तौर पर सामने रखा है. WHN के सह-संस्थापक ने प्रेस रिलीज के माध्यम से कहा है कि शुरुआती दौर में कोरोना वायरस को महामारी घोषित ना करने का परिणाम हम लोग देख चुके हैं इसलिए हमें बिना किसी का इंतजार किए ये करना पड़ा. बता दें कि मंकीपॉक्स वायरस धीमे-धीमे कई महाद्वीपों में तेजी से फैल रहा है.
क्यों महामारी घोषित करना जरूरी
विश्व स्वास्थ्य नेटवर्क के आंकड़े बताते हैं कि ये जिस तेजी से फैल रहा है, समय रहते अगर हम सचेत नहीं हुए तो पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले लेगा. इसी चिंता को देखते हुए वर्ल्ड हेल्थ नेटवर्क ने इसे महामारी घोषित कर दिया है. विश्व स्वास्थ्य नेटवर्क ने इसके बचाव और रोकथाम के लिए वैश्विक कार्रवाई की जरूरत है. बता दें कि WHN ने WHO की बैठक से ठीक पहले ये घोषणा करके इसे गंभीर संकट के तौर पर सामने रखा है. WHN के सह-संस्थापक ने प्रेस रिलीज के माध्यम से कहा है कि शुरुआती दौर में कोरोना वायरस को महामारी घोषित ना करने का परिणाम हम लोग देख चुके हैं इसलिए हमें बिना किसी का इंतजार किए ये करना पड़ा.
मंकीपॉक्स के बारे में जानिए
मंकीपॉक्स इंसानों को होने वाले चेचक की तरह होता है. इसकी पहली स्टेज में संक्रमित व्यक्ति में लक्षण दिखने लगते हैं. इसमें लक्षण अपर रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़े होते हैं, इसमें बुखार की तरह महसूस होता है. इससे शरीर में दर्द और थकान महसूस हो सकती है. फिर दूसरे चरण में स्किन पर कहीं कहीं गांठ दिखती हैं. इसके बाद शरीर के कुछ हिस्सों में चकत्ते और फिर यही चकत्ते बडे़ दाने में बढ़ जाते हैं.