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क्या आपका तेल सही है? चम्मच-चम्मच भर ऑयल ही चुपचाप ना बढ़ा दे बैड कोलेस्ट्रॉल

भारत में खाना पकाने के लिए विभिन्न प्रकार के तेलों का इस्तेमाल होता है, जिनमें सरसों, जैतून, सोयाबीन और नारियल तेल प्रमुख हैं. हार्ट अटैक और कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों के बढ़ते खतरे के बीच, डॉक्टर ने बताया है कि मोनोअनसैचुरेटेड फैट वाले तेल दिल के लिए फायदेमंद होते हैं,

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हार्ट के लिए मोनोअनसैचुरेटेड फैट सही होता है. (Photo: Getty Image/ Pexels)
हार्ट के लिए मोनोअनसैचुरेटेड फैट सही होता है. (Photo: Getty Image/ Pexels)

भारतीय घरों में खाना पकाने के लिए तेल का इस्तेमाल होता है और हर घर में अलग-अलग तेल यूज होता है. सरसों, जैतून, सोयाबीन और नारियल तेल में पाकर खाना बनाया जाता है और हर फैमिली अपने तेल को बेस्ट भी बताती है. लेकिन जिस तरह से बीमारियां लोगों को अपनी चपेट में ले रही है और बाजार में भी कई तेल मिलने लगे हैं, उसके बाद तो हर कोई तेल को लेकर भी काफी परेशान हो गए हैं कि कौन-सा तेल हेल्दी है. 

यंग एज में ही हार्ट अटैक आना एक बड़ी समस्या बन गई है और दिल को हेल्दी रखने के लिए बीपी और कोलेस्ट्रॉल का खास ख्याल रखना होता है. आइए जानते हैं कि कौन-सा तेल आपका गुड कोलेस्ट्रॉल बनाता है और किसे खाने से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ती है. 

गुड़गांव के एक सर्जन, डॉ.अंशुमान कौशल जो सोशल मीडिया पर द एंग्री डॉक्टर के नाम से जाने जाते हैं. उन्होंने लोगों की इस चिंता को साइंटिफिक जवाब के जरिए दूर किया. उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (AHA) का हवाला देते हुए बताया कि हर तेल वास्तव में आपके दिल और हेल्थ पर क्या असर डालता है. 

दिल के लिए क्या अच्छा है?

डॉ. कौशल के अनुसार, हर फैट एक जैसा नहीं होता है, जैतून, मूंगफली और सरसों के तेल में पाए जाने वाला मोनोअनसैचुरेटेड फैट आपके दिल के लिए बहुत अच्छे होते हैं. ये हेल्दी कोलेस्ट्रॉल बनाए रखने और हार्ट डिजीज के खतरे को कम करने में मदद करते हैं. 

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  • उन्होंने बताया कि सूरजमुखी, सोया और सरसों के तेल में पॉलीअनसैचुरेटेड फैट होता है. ये सभी तेल ओमेगा 3 और ओमेगा 6 फैटी एसिड देते हैं, जो दिल और दिमाग के काम को बढ़ावा देते हैं.
  • मगर इन तेल का इस्तेमाल करने वाले लोगों को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि इन्हें ज्यादा गर्म नहीं किया जाता है और ना ही फ्राई करने के लिए दोबारा इस्तेमाल किया जाता है. 

ऑलिव ऑयल का कैसे इस्तेमाल करना चाहिए?

ऑलिव ऑयल को सलाद ड्रेसिंग, सब्जियों को सॉटे, डीप फ्राई करने और ब्रेड या पास्ता पर गार्निश करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं, खासकर एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल (EVOO) को कम आंच पर या कच्चा इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि इसका स्मोक पॉइंट (लगभग 190°C/375°F) अन्य तेलों से कम होता है, जिससे उसके पोषक तत्व और स्वाद बरकरार रहते हैं. 

सलाद और फिनिशिंग के लिए एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल (EVOO) बेहतर माना जाता है. EVOO को अधिक गरम न करें, नहीं तो स्वाद और पोषण कम हो जाते हैं.

खाना पकाने के लिए लाइट या प्योर ऑलिव ऑयल इस्तेमाल करना चाहिए. इसके साथ ही अधिक तापमान पर गर्म करने के लिए कोई और तेल इस्तेमाल करें. 

इन तेल का क्यों कम करें इस्तेमाल?

नारियल तेल और घी जैसे तेलों में सैचुरेटेड फैट ज्यादा होता है. ये शरीर के लिए पूरी तरह खराब भी नहीं हैं, लेकिन पूरी तरह  हेल्दी भी नहीं कहे जा सकते. नारियल तेल में सैचुरेटेड फैट अधिक होता है, जो खराब LDL कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है, जबकि यह अच्छा HDL कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ाता है.

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हेल्थ ऑर्गनाइजेशन दिल की सेहत को बचाने के लिए नारियल तेल कम इस्तेमाल करने और जैतून, सूरजमुखी या कैनोला तेल जैसे अनसैचुरेटेड फैट चुनने की सलाह देते हैं. 

बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं ये तेल

इनके अलावा पाम ऑयल, घी, और हाइड्रोजनीकृत तेल (ट्रांस फैट वाले) से बचना चाहिए, क्योंकि यह सभी बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं. इनमें संतृप्त और ट्रांस फैट अधित होते हैं. कॉर्न ऑयल का भी इस्तेमाल रोजाना खाना पकाने के लिए नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसमें अधिक मात्रा में ओमेगा 6 फैट अधिक होता है. ये सामान्य मात्रा में तो सही होता है, लेकिन अधिक होने पर यह शरीर में सूजन का कारण बन सकता है. इसके ज्यादा इस्तेमाल से दिल की गंभीर बीमारियों का जोखिम भी बढ़ सकता है.

WHO ने चेतावनी भी दी थी कि ट्रांस फैट्स को खत्म करके हर साल हार्ट अटैक और स्ट्रोक की घटनाओं में कमी लाकर लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है.

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