दिल्ली दंगों से संबंधित बीबीसी की एक साल पुरानी रिपोर्ट त्रिपुरा हिंसा से जोड़कर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. कुछ लोग कह रहे हैं कि बीबीसी ऐसा इकलौता संस्थान है जिसने त्रिपुरा हिंसा और वहां की पुलिस की कारस्तानी का कच्चा-चिट्ठा खोलकर सामने रख दिया. वरना, बाकी पूरे मीडिया ने इस बारे में कुछ नहीं दिखाया. बीबीसी के लोगो वाले एक वीडियो में कुछ लोग कह रहे हैं कि पुलिस ने मुसलमानों के खिलाफ हिंसा में हिंदुओं की पूरी मदद की. इस वीडियो में एक व्यक्ति रिपोर्टर को बताता है कि उसे पत्थरबाजी के लिए पत्थर भी पुलिस ने ही लाकर दिए. वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है कि त्रिपुरा दंगे पर दलाल मीडिया ने कुछ नहीं बताया मगर बीबीसी न्यूज़ ने सारी पोल खोल कर रख दी. दरअसल त्रिपुरा के पानीसागर इलाके में 26 अक्टूबर को विश्व हिंदू परिषद ने बांग्लादेश दंगों के विरोध में एक रैली निकाली थी. इस रैली के दौरान मुसलमानों की कुछ दुकानों और एक मस्जिद में तोड़फोड़ की गई थी. इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि सोशल मीडिया पर बीबीसी न्यूज का जो वीडियो त्रिपुरा का बताते हुए शेयर किया जा रहा है, वो पिछले साल हुए दिल्ली दंगों से संबंधित है. देखें ये वीडियो.