सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो के साथ कहा जा रहा है कि चुनावों के बीच एक बीजेपी नेता की जनता ने पिटाई कर दी.
वीडियो में कुछ लोग, सफेद कुर्ता-पायजामा और सदरी पहने एक शख्स को खींचते हुए लाते हैं और अचानक भीड़ में मौजूद एक व्यक्ति उसे लात मारकर पास की झाड़ियों में गिरा देता है. वीडियो पर लिखा है- 'भाजपा नेता, ये गलत हो रहा है, बीजेपी नेताओं के हालात, परेशान हो गई अब जनता'.
एक इंस्टाग्राम यूजर ने इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा, "अबकी बार 400 लात-घुसा!"
ऐसे ही एक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि वीडियो में दिख रही घटना साल 2019 की है जब तत्कालीन बीजेपी नेता जयप्रकाश मजूमदार की कुछ लोगों ने पिटाई कर दी थी. जयप्रकाश को साल 2022 में बीजेपी ने निलंबित कर दिया था. वर्तमान में वो तृणमूल कांग्रेस में हैं.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर ये हमें 'द हिन्दुस्तान टाइम्स' की एक वीडियो रिपोर्ट में मिला. यहां बताया गया है कि पश्चिम बंगाल बीजेपी के उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार को कथित तौर पर टीएमसी कार्यकर्ताओं ने पीटा. रिपोर्ट में ये घटना करीमपुर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के दौरान की बताई गई है.
कीवर्ड सर्च की मदद से हमें इस घटना से संबंधित और भी कई न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं.
'द इंडियन एक्सप्रेस' की 25 नवंबर, 2019 की खबर के मुताबिक, उस वक्त बीजेपी ने आरोप लगाया था कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उनके करीमपुर प्रत्याशी जयप्रकाश मजूमदार पर हमला किया. रिपोर्ट में जयप्रकाश के हवाले से लिखा है कि जब वो नादिया जिले के एक पोलिंग बूथ की तरफ जा रहे थे, तो उन पर टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया.
'एनडीटीवी' की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 में जयप्रकाश मजूमदार को बीजेपी से निलंबित कर दिया गया था, जिसके कुछ समय बाद ही वो टीएमसी में शामिल हो गए थे.
हमने इस बारे में जानकारी पाने के लिए जयप्रकाश मजूमदार को कॉल किया. उन्होंने आजतक को बताया कि ये घटना साल 2019 में हुई थी और उस वक्त लोगों के मन में बीजेपी के प्रति गुस्सा था. उन्होंने बताया, "उस वक्त देश में सीएए-एनआरसी का मुद्दा चल रहा था और लोग बीजेपी से खफा थे. इस घटना में जिस व्यक्ति ने मुख्य रूप से मुझ पर हमला किया, वो एक गरीब किसान था जिसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था."
साफ है, पश्चिम बंगाल में हुई एक बीजेपी नेता की पिटाई के पुराने वीडियो को अभी का बताया जा रहा है जिससे लोगों में भ्रम फैल रहा है.