फैक्ट चेक: भावुक कर देने वाली इन तस्वीरों का तुर्की-सीरिया में आए भूकंप से कोई लेना-देना नहीं
सोशल मीडिया पर तुर्की-सीरिया के भूकंप के बारे में लोग लगातार वीडियो और फोटो शेयर कर रहे हैं जिनमें कुछ सही हैं और कुछ गलत. ऐसी ही दो तस्वीरों को लोग तुर्की भूकंप की त्रासदी बयान करने वाली फोटो मान कर शेयर कर रहे हैं. लेकिन असल में ये दोनों ही तस्वीरें पुरानी हैं. जबकि हकीकत यह है कि ये तस्वीरें पुरानी हैं और इनका हाल ही में तुर्की-सीरिया में आए भूकंप से कोई लेना-देना नहीं है.
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आजतक फैक्ट चेक
सच्चाई
ये तस्वीरें पुरानी हैं और इनका हाल ही में तुर्की-सीरिया में आए भूकंप से कोई लेना-देना नहीं है.
तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन ने मंगलवार को उन इलाकों में तीन महीने के लिए इमरजेंसी का ऐलान कर दिया है, जहां भूकंप से भारी तबाही हुई है. राहत के काम में हाथ बंटाने के लिए भारत ने NDRF की टीम को तुर्की भेजा है. 24 घंटे के अंदर मदद पहुंचाने के लिए तुर्की ने शुक्रिया अदा करते हुए भारत को अपना 'दोस्त' बताया.
इस बीच, सोशल मीडिया पर तुर्की-सीरिया के भूकंप के बारे में लोग लगातार वीडियो और फोटो शेयर कर रहे हैं जिनमें कुछ सही हैं और कुछ गलत. कुछ तस्वीरें ऐसी भी हैं जो आपको भावुक कर सकती हैं. ऐसी ही दो तस्वीरों को लोग तुर्की भूकंप की त्रासदी बयान करने वाली फोटो मान कर शेयर कर रहे हैं. लेकिन असल में ये दोनों ही तस्वीरें पुरानी हैं.
पहली तस्वीर है एक मासूम छोटे बच्चे की और दूसरी तस्वीर है हाथ में खाना पकड़े एक बुजुर्ग आदमी की. 'हिंदुस्तान टाइम्स' ने भी भूकंप की एक न्यूज रिपोर्ट में इन तस्वीरों का इस्तेमाल किया है.
इस तस्वीर में एक बुजुर्ग हाथों में ब्रेड के टुकड़े पकड़े आंसू पोछतें दिख रहे हैं. उनके पीछे एक झुकी हुई इमारत और चारों तरफ बिखरा मलबा दिख रहा है.
आजतक ने पाया कि ये फोटो है तो तुर्की में आए भूकंप की ही है, लेकिन 24 साल पहले 1999 के एक भूकंप की.
रिवर्स सर्च करने पर हमें ये फोटो 2020 की एक न्यूज रिपोर्ट में मिली. ये रिपोर्ट 1999 में तुर्की के 'ड्यूज' शहर में आए भूकंप के पीड़ितों के बारे में थी. 'ड्यूज' उन शहरों में से एक है जहां उस साल काफी लोगों की जान गई थी. 1999 में, तुर्की में कई बार भूकंप आए थे और पूरे साल में वहां 17,000 से भी ज्यादा लोगों ने जान गंवाई थी.
'रिसर्च गेट' वेबसाइट पर भी ये तस्वीर मौजूद है. वहां इस फोटो के लिए 'Abdurrahman Antakyalı' नाम के फोटोग्राफर को क्रेडिट दिया गया था. 'Antakyalı' तुर्की में रहने वाले एक फोटो-जर्नलिस्ट हैं. अपने इंस्टाग्राम पेज पर ये तस्वीर शेयर करते हुए उन्होंने बताया था कि ये फोटो उन्होंने साल 1999 में तुर्की के ड्यूज शहर में ली थी.
दूसरी तस्वीर में एक बच्चा तबाही के मंजर में हाथों से अपना चेहरा छुपाए हुए जमीन पर बैठा है.
आजतक फैक्ट-चेक ने पाया कि ये तस्वीर ना तो इस भूंकप की है और ना ही किसी दुर्घटना से जुड़ी. ये स्टॉक इमेज 'एडोबी' और 'शटरस्टॉक' जैसी वेबसाइट पर मौजूद है. इस तस्वीर को 'Zapylaieva Hanna' नाम की एक महिला ने खींचा है.
'आजतक' से बातचीत में 'Hanna' ने बताया कि तस्वीर में दिख रहा बच्चा उनका बेटा है. उन्होंने ये तस्वीर यूक्रेन के कीव शहर के एक पार्क में खींची थी. फोटो के पीछे की कहानी बताते हुए उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट भी किया है. उन्होंने अपने बेटे की अलग-अलग बैकग्राउंड में कई तरह की फोटो लीं हैं जिन्हें यहां देखा जा सकता है. हालांकि इस फोटो को युद्द की बर्बादी दिखाने के लिए कुछ वेबसाइट्स ने प्रतीकात्मक तस्वीर के तौर पर इस्तेमाल किया है, लेकिन फोटो में दिख रहा बच्चा एक्टिंग कर रहा था.
(रिपोर्ट: संजना सक्सेना)
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