सोशल मीडिया पर एक विचलित कर देने वाला फोटो कोलाज वायरल हो रहा है, जिसमें दर्जनों मरी हुई गायें नजर आ रही हैं. इस कोलाज के साथ किए जा रहे दावे में भारत की गोशालाओं की हालत को लेकर मोदी सरकार की जमकर आलोचना की गई है. पोस्ट में तीन तस्वीरें हैं और कैप्शन कुछ इस तरह लिखा गया है- "गौ-भक्ति का ड्रामा करने वाले मोदी और भक्तों से एक सवाल, इमानदारी से जवाब देना, गाय को काटना पाप है, लेकिन गौशाला के नाम पर चार दिवारी में कैद करके भूखी प्यासी महीनों तक तड़पा-तड़पा कर मारना कौन सा पुन्य है."
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि तीन तस्वीरों में से दो अफ्रीकी देश केन्या की हैं, वहीं एक तस्वीर राजस्थान की है.
पोस्ट को Swaranjit Singh Sarao नाम के एक फेसबुक यूजर ने 2017 में शेयर किया था. ये पोस्ट अब फिर से शेयर होना शुरू हो गई है. अभी तक इस पोस्ट को 54,000 से भी ज्यादा बार शेयर किया जा चुका है.
हमने एक-एक कर तीनों तस्वीरों को रिवर्स सर्च किया जिसके बाद परिणाम कुछ इस तरह निकले-
पहली और तीसरी तस्वीर
पहली तस्वीर में एक खुले मैदान में दर्जनों मरी हुई गायें दिख रही हैं, वहीं तीसरी तस्वीर में मरी हुई गायों को ट्रक से उतारते हुए देखा जा सकता है. हमें रॉयटर्स और डेली नेशन की कुछ न्यूज़ रिपोर्ट्स मिलीं, जो इन्हीं तस्वीरों से जुड़ी हैं. इनके मुताबिक ये तस्वीरें करीब दस साल पुरानी हैं और केन्या की राजधानी नैरोबी की हैं. खबरों में बताया गया है कि इन गायों की ऐसी हालत नैरोबी में पड़े सूखे के चलते चारे के अभाव में हुई थी.
तीसरी वाली तस्वीर कुछ महीने पहले भी गलत दावे के साथ वायरल हुई थी. उस समय भी इंडिया टुडे ने इसे खारिज किया था.
दूसरी तस्वीर
इस तस्वीर में कुछ मरी हुई गायें एक ट्रॉली में लदी हुई नजर आ रही हैं. हमें ये तस्वीर कई न्यूज़ रिपोर्ट्स में मिली. दैनिक भास्कर के मुताबिक अगस्त 2016 में जयपुर की हिंगोनिया गोशाला की खस्ता हालत के चलते वहां पर इन गायों की मौत हुई थी.
उस समय ट्रिब्यून इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक जयपुर नगर निगम द्वारा संचालित इस गोशाला में दस दिन में 500 गायों की मौत हो गई थी.
पोस्ट में दिखाई गई दो तस्वीरें भले ही भारत की ना हों, लेकिन हमें ऐसी कई न्यूज़ रिपोर्ट्स मिलीं जो भारत में गोशालाओं की दुर्दशा बयान करती हैं. जुलाई में छपी इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, त्रिपुरा की एक गोशाला में चारे के अभाव के चलते दो महीने में 150 से भी ज्यादा गायों की मौत हो गई थी. जुलाई में ही एक खबर प्रयागराज से भी आई थी जहां पर एक गोशाला में 35 गायें मरी हुई पाई गई थीं.