कोरोना महामारी के चलते सोशल मीडिया पर टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा के नाम से एक बयान खूब वायरल हो रहा है. एक अखबार की कटिंग के मुताबिक रतन टाटा ने व्यापार करने वालों को संदेश दिया है कि "2020 जीवित रहने का साल है, लाभ-हानि की चिंता ना करें".
![]()
क्या है सच्चाई?
रतन टाटा ने ये बयान नहीं दिया. रतन टाटा ने खुद ट्विटर पर इसका खंडन किया है.
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है, "ये बात मेरे द्वारा नहीं कही गई. जब भी हो सकेगा, मैं फर्जी खबरों को खारिज करने का प्रयास करूंगा, लेकिन साथ ही आपको भी प्रोत्साहित करूंगा कि खबरों के स्रोतों की हमेशा जांच करें. मेरी तस्वीर के साथ कुछ भी लिख देने से इस बात की गारंटी नहीं हो जाती कि वो बात मैंने कही है. इस समस्या का कई लोग सामना करते हैं."I’m afraid this too, has not been said by me. I will endeavour to call out fake news whenever I can, but would encourage you to always verify news sources. My picture alongside a quote does not guarantee me having said it, a problem that many people face. pic.twitter.com/pk0S75FxPA
— Ratan N. Tata (@RNTata2000) May 3, 2020
अखबार की कटिंग में लिखी बात को सच मानकर ट्विटर और फेसबुक पर लोग इसे जमकर शेयर कर रहे हैं.
खोजने पर पता चला कि ये पेपर कटिंग प्रभात खबर अखबार की है. इस हिस्से को प्रभात खबर के जमशेदपुर संस्करण में 3 मई 2020 को पहले पेज पर छापा गया था.

प्रभात खबर की वेबसाइट पर भी इस पर एक आर्टिकल प्रकाशित किया गया था.
दैनिक सवेरा नाम के एक वेरिफाइड यूट्यूब चैनल ने भी इस मैसेज को रतन टाटा के नाम से चलाया है.
ऐसा पहली बार नहीं है कि रतन टाटा के नाम पर फर्जी बयान वायरल हुआ हो. कुछ दिन पहले ही रतन टाटा के हवाले से कहा जा रहा था कि उन्होंने इकोनॉमी पर कोरोना वायरस के प्रभाव को लेकर बयान दिया है. इस बात का खंडन भी खुद रतन टाटा ने किया था . इंडिया टुडे ने भी इस पर खबर की थी.