
सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एक तस्वीर काफी शेयर की जा रही है. तस्वीर के जरिए दावा किया जा रहा है कि सीएम योगी जातिवाद और छुआछूत को समर्थन देते हैं. वायरल तस्वीर में योगी को कुछ लोगों से मुलाकात करते देखा जा सकता है. योगी खड़े हुए हैं वहीं लोग एक कतार में कुर्सी पर बैठे नजर आ रहे हैं. तस्वीर में खास बात ये है कि योगी से मिलने वाले हर एक व्यक्ति को पीछे से सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ रखा है. तस्वीर को शेयर करते हुए यूजर्स कह रहे हैं कि साबुन शैंपू से नहाए अछूतों को सुरक्षाकर्मियों ने इसलिए पकड़ रखा है ताकि वो योगी को छू ना सकें.

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. यह तस्वीर उत्तर प्रदेश के जनता दरबार की है जहां हर जाति-समुदाय के लोग आते हैं और योगी उनकी फरियादें सुनते हैं. सुरक्षा कारणों और योगी के सिक्योरिटी प्रोटोकॉल के तहत सुरक्षाकर्मी फरियाद सुनाने वाले व्यक्ति को इस तरह से पकड़ लेते हैं. इसमें जातीय भेदभाव जैसी कोई बात नहीं है.
सोशल मीडिया पर इस तस्वीर को शेयर करते हुए लोग कैप्शन में लिख रहे हैं, "साबुन शैंपू से नहाने के बाद भी #योगी के गार्ड अछूतों को कंधे से पकड कर खडे है।ताकि कोई अछूत खडा होकर योगी को #छू न ले।और आप कहते है जातिवाद खत्म हो गया!" यह भ्रामक पोस्ट पिछले चार सालों से वायरल हो रही है. इस समय भी फेसबुक और ट्विटर पर कई यूजर इस पोस्ट को साझा कर रहे हैं. पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है
कैसे पता की सच्चाई?
तस्वीर के बारे में खोजने पर हमें अप्रैल 2017 की "आजतक" की ही एक खबर मिली. 2017 में वायरल तस्वीर सहित ऐसी कई तस्वीरें इंटरनेट पर आईं थीं जिसमें योगी के सुरक्षाकर्मी लोगों के कंधे पकड़े दिखते थे. "आजतक" की खबर में बताया गया था कि जनता दरबार में योगी के सुरक्षाकर्मी ऐसा क्यों करते हैं. खबर के मुताबिक, सीएम योगी अपने आवास पर जनता की समस्याएं सुनते हैं और कई बार इस दौरान फरियादियों की भीड़ में अफरातफरी जैसा माहौल हो जाता है. इसी के चलते सीएम की सुरक्षा का खास ख्याल रखा जाता है.
जनता दरबार में बड़ी संख्या में फरियादी कुर्सियों पर अपनी शिकायतें लेकर बैठते हैं. योगी बारी-बारी से लोगों के पास आकर उनकी समस्या सुनते हैं. जब तक सीएम वहां मौजूद होते हैं, हर फरियादी के पीछे एक सुरक्षाकर्मी मौजूद रहता है और उन्हें पकड़े रहता है, ताकि कोई योगी को हानि न पंहुचा सके. महिलाओं के लिए जनता दरबार में महिला सुरक्षाकर्मी मौजूद रहती हैं.
इस तरह के कई फोटोज खबर में मौजूद हैं जिसमें गार्ड जनता के कंधे पकड़े हैं. योगी आदित्यनाथ को जेड प्लस श्रेणी की वीवीआईपी सुरक्षा दी गई है. इसी के तहत सुरक्षाकर्मीयों को फरियादियों के कंधे पकड़ने पड़ते हैं. जनता दरबार में आम जनता आती है और स्वाभाविक है कि इसमें जाति-धर्म की कोई भूमिका नहीं होती होगी. सुरक्षाकर्मी हर फरियादी का कंधा पकड़ते हैं और इससे छुआछूत वाली बात खारिज हो जाती है.
ये वायरल तस्वीर 11 अप्रैल 2017 को जनता दरबार के दौरान योगी के निवास पर ली गई थी. नीचे योगी के जनता दरबार की कुछ अन्य तस्वीरें और वीडियो देखे जा सकते हैं जिसमें सुरक्षकर्मी इसी तरह लोगों के कंधे पकडे़ हुए हैं.
मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों की समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को उनके त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए। pic.twitter.com/5nXncjlFmd
— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) April 4, 2017
इस बारे में हमारी बात उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी और बीजेपी से राज्य सभा सांसद बृजलाल से भी हुई. उन्होंने भी हमें यही बताया कि पोस्ट में कही गई छुआछूत या जातिवाद वाली बात निराधार है और सुरक्षाकर्मियों का जनता के कंधे पकड़ना सिक्योरिटी प्रोटोकॉल का हिस्सा है. बृजलाल का कहना था कि अगर योगी छुआछात को मानते तो वो 2019 में अयोध्या में दलित के घर खाना खाने नहीं जाते. योगी आदित्यनाथ अप्रैल 2019 में अयोध्या के एक दलित महावीर के घर खाना खाने पहुंचे थे. राम जन्मभूमि शिलान्यास के समय सीएम ने महावीर के घर प्रसाद भी भिजवाया था.
#BREAKING
अयोध्या में सीएम योगी ने दलित के घर पर खाना खाया.#ElectionsWithNews18 #BattleOf2019 pic.twitter.com/poeQpIEg8q
— News18 Uttar Pradesh (@News18UP) April 17, 2019
इसके अलावा, ऐसा नहीं है कि सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही सीएम के जनता दरबार में सुरक्षाकर्मी लोगों के कंधे पकड़कर खड़े होते हों. बिहार में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के यहां भी जनता दरबार का आयोजना होता रहा है. बिहार के जनता दरबार से भी ऐसी तस्वीरें आ चुकी हैं जिनमें नीतीश के सुरक्षाकर्मी लोगों के कंधे पकड़े हुए हैं. 2016 में सीएम नीतीश के जनता दरबार में एक बार हंगामा भी हो गया था जब एक युवक ने नीतीश पर चप्पल फेंक दी थी.

‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में जनता की समस्याओं को सुनते हुए. pic.twitter.com/YmRXXdAmfQ
— Nitish Kumar (@NitishKumar) May 9, 2016
हालांकि, 2017 में उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में दलितों को लेकर एक मामला जरूर सामने आया था जिस पर काफी बवाल हुआ था. कुशीनगर के एक गांव में योगी का दौरा होने वाला था और इससे पहले गांव के कुछ दलित परिवारों को आंगनवाड़ी कर्मचारियों की तरफ से साबुन-शैंपू बांटे गए थे. खबरों के अनुसार, दलितों से कहा गया था कि योगी की सभा में जाने से पहले वे नहा लें. मामला तूल पकड़ने के बाद जिला अधिकारी ने कहा था कि साबुन-शैंपू बांटने का कोई आदेश जारी नहीं हुआ था. आंगनवाड़ी कर्मचारियों से सिर्फ स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए कहा गया था जिससे बीमारियों को रोका जाए. इसी वजह से साबुन शैंपू बांटे गए.
हमारी पड़ताल में ये साबित हो जाता है कि पोस्ट में कही जा रही बात का कोई आधार नहीं है. सुरक्षाकर्मियों ने लोगों के कंधे सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था को बनाये रखने के लिए पकड़े हुए हैं. जनता दरबार में ऐसा किसी भी जाति- धर्म के लोगों के साथ हो सकता है. इस तरह की व्यवस्था बिहार के जनता दरबार में भी देखी गई है. (इनपुट- लखनऊ से कुमार अभिषेक)