ओबीसी और डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट के गलत इस्तेमाल को लेकर फंसी महाराष्ट्र कैडर की IAS अफसर पूजा खेडकर के मामले के बाद से सोशल मीडिया पर बवाल मचा हुआ है. खेडकर जैसे कई यूपीएससी के अफसरों पर आरक्षण और डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट का गलत फायदा उठाने के आरोप लग रहे हैं. लोग एक्स पर थ्रेड बनाकर ऐसे कई अफसरों का नाम बता रहे हैं.
इन्हीं में से एक हैं मध्य प्रदेश कैडर की IPS अफसर अनु बेनीवाल. अनु पर आरोप लग रहे हैं कि उनके पिता एक आईपीएस अफसर हैं लेकिन फिर भी उन्होंने ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग) कोटे का फायदा लेकर सीविल सेवा की परीक्षा पास की. अनु के पिता का नाम संजय बेनीवाल बताया जा रहा है. वायरल हो रहे पोस्ट्स में अनु की एक फोटो है जिसमें वो पुलिस यूनिफार्म पहनी दिख रही हैं. साथ ही वो एक बोर्ड पर लिखे 1989 बैच के आईपीएस अफसरों के नामों में से एक संजय बेनीवाल के नाम की तरफ इशारा कर रही हैं.
दूसरी फोटो में सिविल सेवा परिक्षा 2021 को क्लियर कर चुके कैंडिडेट्स के नाम लिखे हैं, जिसमें अनु बेनीवाल के नाम के आगे ‘EWS’ लिखा है.

कुछ लोग ये भी सवाल उठा रहे हैं कि अनु आईपीएस बनने से पहले DANIPS (दिल्ली, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव पुलिस सेवा) की अफसर थीं, फिर वो ईडब्ल्यूएस के लिए कैसे योग्य हो गईं.

कौन हैं अनु बेनीवाल?
अनु दिल्ली की रहने वाली हैं और 2022 बैच की एमपी कैडर से आईपीएस अफसर हैं. इस समय वो ग्वालियर जिले में पदस्थ हैं. उन्होंने 2021 की सिविल सेवा परिक्षा पास की थी. 14 जुलाई 2024 को अनु ने सोशल मीडिया पर अपने मां-बाप के साथ एक फोटो पोस्ट की थी. साथ में अनु ने लिखा था कि “मेरे मां-बाप अपनी स्कूली पढ़ाई तक पूरी नहीं कर पाए लेकिन मुझे मेरे सपने पूरे करने के लिए हमेशा प्रेरित करते रहे”.
यहां सवाल उठता है कि अगर अनु के मां-बाप ने अपनी स्कूली पढ़ाई ही पूरी नहीं की है तो उनके पिता आईपीएस कैसे बन गए. पूरे मामले को जानने के लिए हमने अनु बेनीवाल से फोन पर बात की. उनका कहना था कि उन्हें लेकर सोशल मीडिया पर जो भी दावे चल रहे हैं वो पूरी तरह गलत हैं. अनु के मुताबिक, उनके पिता का नाम संजय बेनीवाल तो है लेकिन वो आईपीएस अफसर नहीं हैं.
उन्होंने हमें बताया कि उनके पिता कई सालों से बीमार हैं, उन्हें दिल की बिमारी है. वो ठीक से सुनने में भी सक्षम नहीं हैं.
अनु का कहना था कि उनके पिता सालों पहले एक छोटी सी बटन की फैक्ट्री थी लेकिन उसे भी उनके चाचा चलाते थे क्योंकि पिता खराब सेहत के कारण वहां जा नहीं पाते थे. उनके मां-बाप के पास कोई जमीन या प्रोपर्टी नहीं है और उन्हें उनके चाचा ने पाला है.
जनवरी 2022 के एक फेसबुक वीडियो में भी अनु को ये बताते हुए सुना जा सकता है कि उनके मां-बाप अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए थे.
तो फिर फोटो वाले संजय बेनीवाल कौन हैं?
अनु ने हमें बताया कि फोटो में जिस संजय बेनीवाल के नाम पर वो इशारा कर रही हैं वो उनके मुंह बोले ताउजी हैं, न कि उनके पिता. अनु के अनुसार, संजय दिल्ली के पीतमपुरा के एक गांव के रहने वाले हैं और वो खुद भी इसी गांव से आती हैं. एक ही गांव के होने की वजह से अनु, संजय को ताऊजी बुलाती हैं. अनु का कहना था कि आईपीएस अफसर के पद पर पहुंचने की वजह से संजय उनके लिए प्रेरणास्रोत हैं, लेकिन वो उनके रिश्तेदार नहीं हैं.
इसके अलावा अनु ने बताया कि उनके पिता के सरनेम की स्पेलिंग 'Beniwal' है, न कि 'Baniwal' जो आईपीएस संजय अपने नाम के साथ लिखते हैं.
संजय बेनीवाल 1989 बैच के AGMUT कैडर के रिटायर्ड आईपीएस अफसर हैं. AGMUT कैडर में अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश होते हैं. वो तिहाड़ जेल के महानिदेशक के पद से रिटायर हुए थे.
DANIPS के बावजूद EWS कोटा?
अनु का कहना था कि इसे आसान सा गणित लगाकर समझा जा सकता है. अनु ने 638 रैंक के साथ 2020 की सिविल सेवा परिक्षा पास की थी. लेकिन इसका रिजल्ट आने से पहले ही उन्होंने 2021 की सिविल सेवा परिक्षा का फॉर्म ईडब्ल्यूएस कोटो में भर दिया था. इस समय उन्हें DANIPS की पोस्ट मिली ही नहीं थीं.
आजतक ने भी अनु की इस बात को इंटरनेट पर मौजूद जानकारी से पुख्ता किया. 2020 की सिविल सेवा परिक्षा का रिजल्ट 24 सितंबर 2021 को जारी हुआ था जिसमें अनु DANIPS के लिए चुनी गई थीं. लेकिन इससे छह महीने पहले ही यूपीएससी ने 4 मार्च 2021 को सिविल सेवा परीक्षा-2021 के आवेदन फॉर्म निकाल दिए थे. इसे भरने की आखिरी तारीख 24 मार्च 2021 थी. जाहिर है इस समय तक अनु को पता ही नहीं था कि वो 2020 की सिविल सेवा परीक्षा क्रैक करने वाली हैं.

अनु ने हमें ये भी बताया कि उनकी DANIPS की ट्रेनिंग मई 2022 में शुरू हुई थी. अनु के मुताबिक, 2021 की सिविल सेवा परीक्षा के इंटरव्यू के समय तक उन्हें DANIPS की सैलरी मिलना भी शुरू नहीं हुई थी.
यहां हम अनु के ईडब्ल्यूएस के सर्टिफिकेट की वैधता की पुष्टि नहीं कर सकते. लेकिन अनु ने हमें जो जानकारियां दी हैं वो सरकारी दस्तावेजों से मेल खाती हैं.