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फैक्ट चेक: सही नहीं है कपिल मिश्रा का आरोप, ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ में छपी तस्वीर दिल्ली के सरकारी स्कूल की ही है

सोशल मीडिया पर अमेरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी न्यूज की कटिंग वायरल हो रही है. भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने दावा किया है कि इस खबर में प्रकाशित की गई फोटो दिल्ली के सरकारी स्कूल की नहीं बल्कि एक प्राइवेट स्कूल की है. लेकिन इसकी सच्चाई कुछ और है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
अमेरिकी अखबार ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ में दिल्ली सरकार की तारीफ में छपी खबर में दिल्ली सरकार के स्कूल की नहीं बल्कि एक प्राइवेट स्कूल की तस्वीर छपी है.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
अखबार में छपी खबर के साथ लगी तस्वीर दिल्ली सरकार के तहत आने वाले ‘सर्वोदय विद्यालय ककरौला’ की है. तस्वीर में दिख रहे बच्चे 9वीं कक्षा के छात्र-छात्राएं हैं.

अमेरिका के मशहूर अखबार ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ में 16 अगस्त को एक खबर छपी, जिसमें बताया गया कि दिल्ली सरकार ने किस तरह से राजधानी के सरकारी स्कूलों की कायापलट कर दी है. इसी बीच 19 अगस्त को दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर सीबीआई का छापा पड़ गया. इन दोनों बातों को लेकर सोशल मीडिया पर आम आदमी पार्टी और बीजेपी आमने–सामने हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एक तरफ दुनिया के बड़े अखबार में मनीष सिसोदिया की तारीफ छप रही है, वहीं दूसरी तरफ उनके ऊपर छापा डाला जा रहा है.

लेकिन बीजेपी के नेता कपिल मिश्रा ने ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की खबर की हवा निकालने की कोशिश की. उन्होंने दावा किया कि इस खबर के साथ दिल्ली के जिस स्कूल के क्लासरूम की तस्वीर छपी है वो दिल्ली सरकार का स्कूल है ही नहीं है.

उनका दावा है कि ये तस्वीर दिल्ली के मयूर विहार के एक प्राइवेट स्कूल ‘मदर मैरीज’ की है. उन्होंने ट्विटर पर अखबार में छपी तस्वीर के साथ ‘मदर मैरीज’ की छात्राओं की तस्वीर को पोस्ट करते हुए लिखा, 'न्यू यॉर्क टाइम्स और ख़लीज़ टाइम्स में पैसे देकर ख़बर तो छपवा ली, पर झूठ और चोरी की आदत नहीं गयी ये फ़ोटो दिल्ली के सरकारी स्कूल की नहीं बल्कि मयूर विहार के मदर मैरी स्कूल के बच्चों की हैं केजरीवाल और सिसोदिया देश में भी झूठ बेच रहे हैं और विदेश में भी'

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कपिल मिश्रा की पोस्ट की गई तस्वीर में कुछ छात्राएं टीचर्स के साथ खड़ी हैं और उनके पीछे ‘मदर मैरीज’ स्कूल का बैनर भी नजर आ रहा है. 

इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है. 

अमेरिका

‘इंडिय़ा टुडे’ की फैक्ट चेक टीम ने पाया कि ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ में छपी खबर में इस्तेमाल की गई तस्वीर ‘मदर मैरीज’ स्कूल की नहीं बल्कि दिल्ली के एक सरकारी स्कूल ‘सर्वोदय विद्यालय’, ककरौला के क्लासरूम की है.

कैसे पता लगाई सच्चाई?

सबसे हमने ‘मदर मैरीज’ स्कूल, मयूर विहार की वेबसाइट पर जाकर देखा तो हमें पता चला के ये एक गर्ल्स स्कूल है. जबकि ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ मे छपी खबर में जिस क्लासरूम की तस्वीर है, उसमें छात्र और छात्राएं दोनों दिख रहे हैं. 

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दोनों स्कूलों की छात्राओं की यूनिफॉर्म में कुछ समानता तो दिख रही है. लेकिन अखबार में छपी तस्वीर को जूम इन करके देखने पर एक छात्रा की यूनिफॉर्म पर लगा लोगो भी दिखाई देता है. इस लोगो में ‘सर्वोदय’ लिखा हुआ है, जो दिल्ली सरकार के स्कूलों की पहचान है. इससे पता चलता है कि ये यूनिफॉर्म ‘मदर मैरीज’ स्कूल की नहीं है. 

जहां न्यूयॉर्क टाइम्स वाली फोटो में छात्राओं की शर्ट की कॉलर का रंग सफेद है, वहीं मदर मैरी स्कूल वाली फोटो में छात्राओं की शर्ट की कॉलर का रंग बैंगनी है. 

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दिल्ली सरकार के कुछ दूसरे सर्वोदय स्कूलों में बात करने के बाद हमें पता चला कि जिस तस्वीर की चर्चा है वो दिल्ली के ककरौला सर्वोदय विद्यालय की हो सकती है.

इस बात को पुख्ता करने के लिए हमने सर्वोदय विद्यालय, ककरौला की वाइस प्रिंसिपल जैनेट लाकरा से संपर्क किया. उन्होंने बताया किया कि अखबार में छपी तस्वीर में जो क्लासरूम और छात्र हैं वो पक्के तौर पर उन्हीं के स्कूल के हैं.

उन्होंने हमें ये भी बताया कि ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की फोटो जर्नलिस्ट 5, जुलाई, 2022 को तस्वीरें खींचने उनके स्कूल में आई थीं और तस्वीर में दिख रहे बच्चे 9A क्लास के स्टूडेंट्स हैं.

साफ है, ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ में छपी तस्वीर प्राइवेट स्कूल ‘मदर मैरीज’, मयूर विहार की नहीं बल्कि दिल्ली के सरकारी स्कूल ‘सर्वोदय विद्यालय’, ककरौला की ही है.

 

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