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क्या प्रोजेक्ट 2025 अमेरिका के साथ-साथ दुनिया को बदल देगा, 922 पन्नों के दस्तावेज को क्यों माना जा रहा खतरनाक?

दो साल पहले अमेरिकी थिंक टैंक 'द हैरिटेज फाउंडेशन' ने प्रोजेक्ट 2025 तैयार किया. इसमें सौ से ज्यादा दक्षिणपंथी संस्थान उसके साथ थे. ये प्रोजेक्ट एक तरह की गाइडलाइन थी कि आने वाला अमेरिकी राष्ट्रपति कैसे काम करेगा. अब आरोप लगाए जा रहे हैं कि प्रोजेक्ट डोनाल्ड ट्रंप की वापसी से जुड़ा है. ट्रंप हालांकि इससे अपना पल्ला झाड़ चुके.

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डोनाल्ड ट्रंप को प्रोजेक्ट 2025 से जोड़ा जा रहा है. (Photo- AP)
डोनाल्ड ट्रंप को प्रोजेक्ट 2025 से जोड़ा जा रहा है. (Photo- AP)

अमेरिका में नवंबर में होने जा रहे राष्ट्रपति चुनावों का पूरी दुनिया में अभी से हल्ला है. इसकी वजह भी है. इस देश का हर फैसला, हर हरकत किसी न किसी तरह से बाकी देशों पर असर डालती है. चुनावी सरगर्मियों के बीच अचानक प्रोजेक्ट 2025 की बात होने लगी. कथित तौर पर ये राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के कमबैक और फिर सत्ता में आने के बाद के प्लान पर है. 

दक्षिणपंथी संस्थानों ने 900 पन्नों से ज्यादा का दस्तावेज तैयार किया. इसमें बेसिकली ये तय करने की कोशिश है कि आने वाली सरकार कैसे और क्या काम कर सकती है. इसमें कई ऐसे एजेंडा हैं, जो अमेरिका की उदारवादी छवि से अलग हैं. द कन्वर्सेशन की मानें तो ये प्रोजेक्ट कहता है कि आने वाले समय में एलजीबीक्यू के अधिकार न्यूनतम कर दिए जाएं. महिलाओं से अबॉर्शन का हक ले लिया जाए. शरणार्थियों के लिए दरवाजे बंद करना भी एक एजेंडा है. साथ ही साथ चीन से व्यापार लगभग बंद करने का सुझाव है. डिफेंस और फॉरेन पॉलिसी को ज्यादा आक्रामक बनाने की बात भी प्रोजेक्ट में लिखी हुई है. 

यहां तक कि पर्यावरण प्रोटेक्शन पर जो मौजूदा योजनाएं हैं, उन्हें डिसमेंटल करने की बात कई बार कई गई. रिपोर्ट के मुताबिक लगभग ढाई सौ बार पर्यावरण की मौजूदा पॉलिसीज के इलिमिनेशन यानी उन्हें हटाने की बात लिखी हुई है. ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान पेरिस एग्रीमेंट से देश को हटा लिया था. बाद में बाइडेन उसमें दोबारा शामिल हुए. एजेंडा फॉसिल फ्यूल के अधिकतम इस्तेमाल की बात करता है. अगर ऐसा हुआ तो क्लाइमेंट चेंज की रफ्तार और तेज हो जाएगी. 

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project 2025 the heritage foundation american next president joe biden donald trump photo AP

प्रोजेक्ट 2025 में स्टेप-दर-स्टेप बताया गया कि ये मकसद कैसे पूरे हो सकते हैं. इसके लिए पहले रोडमैप तैयार किया गया. दस्तावेजों के साथ-साथ उन लोगों की सूची बनाई जा रही है, जो राइट-विंग सोच रखते हों और उन्हें ट्रेनिंग दी जाए. ये प्रेसिडेंशियल एडमिनिस्ट्रेशन एकेडमी का हिस्सा होंगे जो पॉलिसी लागू करेंगे. आखिरी स्टेप होगा- प्रेसिडेंट की ट्रांजिशन में मदद करना ताकि वो पद संभालते ही पॉलिसी लागू करने में जुट जाए. 

लंबे-चौड़े इस दस्तावेज में वैसे कहीं भी किसी नाम, या ट्रंप का जिक्र नहीं लेकिन लगातार ये आरोप लग रहा है कि ये सबकुछ ट्रंप के लिए ही हो रहा है. दरअसल, इसका एजेंडा ट्रंप के बयानों से काफी मिलता-जुलता है. ट्रंप माइग्रेशन, चीन से व्यापार और ट्रांसजेंडरों को लेकर कई बार आक्रामक हो चुके. यहां तक कि क्लाइमेट चेंज को लेकर कह चुके कि बाकी देश प्रदूषण कर रहे और अमेरिका पर जबरन दबाव बना रहे हैं. कुल मिलाकर, प्रोजेक्ट 2025 ट्रंप की पॉलिसीज से मेल खा रहा है, यही वजह है कि दोनों को जोड़ा जा रहा है. 

project 2025 the heritage foundation american next president joe biden donald trump photo AFP

क्या कहना है ट्रंप का
ट्रंप फिलहाल राष्ट्रपति पद के रिपबल्किन्स से उम्मीदवार हैं. पोल्स लगातार उनकी लोकप्रियता का ग्राफ बढ़ता बता रहे हैं, जबकि वे कई विवादों में भी फंस चुके. इस बीच प्रोजेक्ट 2025 का जिक्र आने पर ट्रंप ने इससे किनारा कर लिया. सोशल मीडिया पर उन्होंने दावा किया कि वे इस बारे में कुछ नहीं जानते. न ही ये जानते हैं कि इसके पीछे कौन है. उन्होंने लिखा- ये जो कुछ कह रहे हैं, उनमें से कई बातों से मैं असहमत हूं. और कुछ चीजें जो कही जा रही हैं, वे मूर्खताभरी और खराब हैं. 

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चुनाव से पहले प्रोजेक्ट का आना एकदम से हवाहवाई भी नहीं. जिस थिंक टैंक हैरिटेज फाउंडेशन ने ये तैयार किया, वो पहले भी मैंडेट तैयार कर चुका. साल 1981 में कथित तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति रोनॉल्ड रीगन ने इसी के मुताबिक काम किया था. फाउंडेशन ने दावा किया था रीगन ने खुद मैनेफेस्टो की कॉपी हरेक कैबिनेट सदस्य को बांटी थी. बाद में प्रोजेक्ट की दो-तिहाई पॉलिसीज लागू भी कर दी गईं. अब 4 दशक बाद हैरिटेज फाउंडेशन एक बार फिर भावी यूएस प्रेसिडेंट के लिए मेनिफेस्टो तैयार कर चुका है. चूंकि डेमोक्रेट्स इन नीतियों के विरोधी रहे, और दोनों को विचारधारा भी अलग है, इसलिए माना जा रहा है कि ट्रंप खुफिया तौर पर इससे जुड़े हुए होंगे. 

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