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चुनाव के लिए तैयार दिल्ली आर्थिक राजधानी मुंबई के सामने कहां ठहरती है? 5 बड़े पैमानों पर देखिए तुलना

दिल्ली में कुछ ही महीने में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. इस बीच ऐसी भी बहसें होती रही हैं कि 'दिलवालों की दिल्ली' अच्छी है या 'सपनों का शहर' मुंबई बेहतर है. ऐसे में जानते हैं कि पांच बड़े पैमानों पर दोनों कहां ठहरते हैं.

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जानें दिल्ली और मुंबई में कितना फर्क है.
जानें दिल्ली और मुंबई में कितना फर्क है.

जब भी मेट्रो शहरों की बात होती है तो दिल्ली और मुंबई का नाम सबसे ऊपर रहता है. इन दोनों ही शहरों के बीच खुद को दूसरे से बेहतर बताने की होड़ भी लगी रहती है. एक तरफ दिल्ली जहां देश की राजधानी है तो दूसरी तरफ मुंबई की पहचान आर्थिक राजधानी की है.

दिल्ली और मुंबई, ये दो भारत के ऐसे शहर हैं जहां देश के कोने-कोने से लोग अपने सपनों को पूरा करने के लिए आते हैं. मुंबई को तो 'सपनों का शहर' भी कहा जाता है. दिल्ली जहां सियासत का केंद्र है तो वहीं मुंबई फिल्म इंडस्ट्री का गढ़ है.

अब जब कुछ ही महीनों में दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं तो ऐसे में जानते हैं कि ये मुंबई से कितनी बेहतर है? अर्थव्यवस्था से लेकर प्रॉपर्टी और बिजनेस तक, दिल्ली और मुंबई में कितना फर्क है.

1. क्या है दोनों शहरों का इतिहास?

दिल्ली पर अलग-अलग समय में अलग-अलग शासकों ने राज किया है. तीन सदियों तक यहां मुगलों ने भी राज किया. 1911 में अंग्रेजों ने अपनी राजधानी कोलकाता से दिल्ली बना ली. दिल्ली को ब्रिटिश आर्किटेक्ट एडवर्ड लुटियंस ने डिजाइन किया था.

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वहीं, अंग्रेजों के आने से पहले तक मुंबई पर कभी किसी विदेशी ने राज नहीं किया. जब अंग्रेज भारत आए तो उन्होंने मुंबई को पोर्ट सिटी बना दिया. इसके बाद यहां की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ी. 1995 तक इसे बॉम्बे नाम से जाना जाता था.

2. सबसे ज्यादा आबादी होगी दिल्ली की

दिल्ली इस वक्त दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर है. कुछ ही सालों में ये पहले पायदान पर आ जाएगा.

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली की आबादी 3.38 करोड़ है. जबकि, मुंबई में 2.16 करोड़ लोग रहते हैं. अभी दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर टोक्यो है, जहां की आबादी 3.70 करोड़ है. 2028 तक दिल्ली, टोक्यो से आगे निकल जाएगी.

हालांकि, दिल्ली की तुलना में मुंबई में पॉपुलेशन डेंसिंटी कहीं ज्यादा है. दिल्ली की पॉपुलेशन डेंसिटी 11,320 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है. यानी दिल्ली में हर एक किलोमीटर के दायरे में 11,320 लोग रहते हैं. जबकि, मुंबई में हर एक किलोमीटर के दायरे में 28 हजार से ज्यादा लोग रहते हैं. 

3. कितना कमाते हैं दिल्ली और मुंबई वाले?

मुंबई की तुलना में दिल्ली वालों की सालाना औसतन कमाई लगभग एक लाख रुपये ज्यादा है. दिल्ली के 2022-23 के आर्थिक सर्वे के मुताबिक, राजधानी में हर व्यक्ति की औसत कमाई 4.44 लाख रुपये के आसपास है. यानी, यहां हर व्यक्ति हर महीने औसतन 37,064 रुपये है.

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जबकि, महाराष्ट्र सरकार के इकोनॉमिक सर्वे की मानें तो 2021-22 में मुंबई में प्रति व्यक्ति की औसत कमाई 3.44 लाख रुपये है. इस हिसाब से मुंबई में रहने वाला हर व्यक्ति हर महीने औसतन 28,699 रुपये कमाता है.

मुंबई का ताज होटल (फाइल फोटो- PTI)

4. किसकी कितनी बड़ी अर्थव्यवस्था?

नीति आयोग की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया था कि मार्च 2024 तक मुंबई की जीडीपी 12 लाख करोड़ रुपये के आसपास थी. 2030 तक मुंबई की जीडीपी 26 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है. इसकी वजह ये है कि मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है. यहां बड़ी-बड़ी कंपनियों के हेडक्वार्टर हैं.

दूसरी ओर, दिल्ली की अनुमानित जीडीपी 11.07 लाख करोड़ रुपये है. आर्थिक सर्वे के मुताबिक, दिल्ली की जीडीपी ग्रोथ रेट 9 फीसदी से ज्यादा है. देश की जीडीपी में दिल्ली की हिस्सेदारी 4 फीसदी के आसपास है.

5. रहने के लिए कौन सी जगह सस्ती?

रहने के लिए दुनिया का सबसे महंगा शहर हॉन्गकॉन्ग है. भारत में मुंबई और दिल्ली सबसे महंगी जगह है. हाल ही में कंसल्टेंसी फर्म Mercer की रिपोर्ट में ये जानकारी सामने आई थी. इसमें बताया गया था कि दिल्ली में हर साल 12 से 15 फीसदी किराया बढ़ रहा है. जबकि, मुंबई में 6 से 8 फीसदी तक किराया बढ़ रहा है.

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अनुमान है कि दिल्ली में एक वर्किंग को रहने के लिए हर महीने औसतन 25 से 50 हजार रुपये की जरूरत है. जबकि, मुंबई में ऐसे कपल का महीनेभर का खर्चा 40 से 70 हजार के बीच होता है. 

इतना ही नहीं, मुंबई में अगर किराये पर रहते हैं तो 30 हजार से 2.3 लाख रुपये के बीच अच्छा घर मिल जाएगा. यहां प्रॉपर्टी की औसत कीमत 66 लाख से 7 करोड़ के बीच है. दूसरी ओर, दिल्ली में औसतन किराया 11 हजार से 1 लाख के बीच है. यहां प्रॉपर्टी की कीमत 50 लाख से 6.5 करोड़ के बीच है.

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