डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में ही अमेरिका में सबसे लंबा शटडाउन हुआ था. अब एक बार फिर वही नौबत आ चुकी. शटडाउन का ये चौथा हफ्ता है. अगर जल्द ही ये खत्म न हुआ और फंडिंग रिलीज न हुई तो सपलिमेंटल न्यूट्रिशन असिस्टेंस प्रोग्राम (SNAP) के पैसे चुक जाएंगे. यह वो स्कीम है, जिसके भरोसे खासी बड़ी अमेरिकी आबादी पल रही है.
सरकार चलाने के लिए हर साल बजट पास होना जरूरी है. अमेरिका में इसे लेकर दोनों दलों में ठन चुकी. सत्ता पक्ष की अलग सोच है, और विपक्षी अलग सोचते हैं. इसी बात को लेकर फंडिंग रुक गई. नतीजा? बहुत सी गैरजरूरी सरकारी सेवाएं भी अस्थाई तौर पर थम गईं. लेकिन शटडाउन खत्म न हुआ तो इसका असर जरूरी सर्विस पर भी होगा. यह दिख भी रहा है.
यूएस स्टेट डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर ने चेताया कि 1 नवंबर तक फंड न आया तो एसएनएपी सर्विस भी बंद हो जाएगी. यही वो सुविधा है, जिससे करोड़ों अमेरिकियों को भरपेट खाना मिल रहा है. इसका असर लगभग सवा चार करोड़ लोगों पर हो सकता है, जो फूड स्टैम्प के जरिए राशन-पानी खरीदते हैं.
अमेरिका में फूड स्टैम्प एक सरकारी योजना है. इसका मकसद है गरीब या कम आय वाले लोगों को खाना खरीदने में मदद देना. सरकार ऐसे लोगों को हर महीने एक तय रकम देती है, लेकिन यह रकम कैश नहीं होती, बल्कि डेबिट कार्ड की तरह एक कार्ड पर डाली जाती है.

इस कार्ड से लोग सुपरमार्केट, किराने की दुकान या कुछ ऑनलाइन स्टोर्स से खाने की चीजें खरीद सकते हैं, जैसे फल, सब्जियां, दूध, ब्रेड, चावल, दाल, मीट-मछली. लेकिन इस कार्ड से शराब, सिगरेट या रेस्त्रां में खाना नहीं खरीदा जा सकता. हर राज्य में फूड स्टैम्प के अपने नियम होते हैं, जो आमतौर पर परिवार की आय, सदस्यों की संख्या और खर्च पर निर्भर करते हैं. अलजजीरा की एक रिपोर्ट के अनुसार, 190 डॉलर प्रति व्यक्ति के हिसाब से हर महीने हर लो-इनकम परिवार को लगभग साढ़े तीन सौ डॉलर मिलते हैं.
यह यूएस की सबसे बड़ी एंटी-हंगर स्कीम है. इसके बाद सूप किचन भी है, जिसमें लोगों को पका-पकाया खाना दिया जाता है. ये होमलेस लोगों के लिए है, जो अपना खाना नहीं पका सकते. और भी कई योजनाएं हैं, जिनमें से ज्यादातर गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए हैं. साथ ही बुजुर्गों के लिए भी मील्स ऑन व्हील्स स्कीम है, जिसमें अकेले रहते बुजुर्गों को घर पर खाना पहुंचाया जाता है. अगर शटडाउन न रुका तो ये सारी सरकारी योजनाएं एक-एक करके बंद हो जाएंगी. लेकिन पहला खतरा फूड स्टैम्प पर है, जो कि सबसे ज्यादा फंडिंग वाली स्कीम है.
न्यू मैक्सिको जैसे कई राज्य सबसे ज्यादा जोखिम में हैं, जहां 21 प्रतिशत आबादी खाने के लिए सरकारी योजना पर निर्भर है. हालांकि कुल आबादी के हिसाब से देखें तो कैलिफोर्निया में सबसे ज्यादा लोग सरकारी स्कीम का फायदा ले रहे हैं.
इसे चलाने वाली संस्था USDA ने अक्तूबर के दूसरे हफ्ते में ही चेतावनी दे थी. अब सार्वजनिक चेतावनी दी जा रही है कि कुआं सूख चुका है और अगर जल्द बंदोबस्त न हुआ तो 1 नवंबर से स्टैम्प देना बंद कर दिया जाएगा.

संस्था चाहे तो इसके लिए इमरजेंसी फंड भी इस्तेमाल कर सकती है लेकिन वाइट हाउस ने इसके रिलीज से बिल्कुल इनकार कर दिया. उसका तर्क है कि कुछ फंड कुदरती आपदाओं के लिए बचाकर रखा हुआ है और ये रिजर्व अनछुआ ही रहना चाहिए, जब तक कि जरूरत न पड़े.
तो 1 नवंबर से करोड़ों लोगों का क्या होगा
फेडरल एजेंसी USDA ने साफ कर दिया कि कांग्रेस नया फंड रिलीज न करे तो फूड स्टैम्प भी जारी नहीं होंगे. यहां तक कि राशन की दुकानों को भी अगले आदेश तक मुफ्त खाना न देने के निर्देश दिए जा चुके. वैसे सारे राज्यों के लिए ये डेडलाइन अलग है, लेकिन इतना तय है कि नवंबर में लगभग सारे राज्यों में ये स्कीम अस्थाई तौर पर बंद हो जाएगी. ऐसे में कई राज्यों ने लोकल चैरिटी संस्थाओं से अपील की है कि वे सामने आएं और काम करें.
इस बीच कई स्टेट अपना फंड खोल रहे हैं. जैसे, कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसम ने एलान कर दिया कि वे 80 मिलियन डॉलर रिलीज करेंगे ताकि खाने की सप्लाई बनी रहे. लेकिन ज्यादातर राज्यों के पास सरप्लस में फंड नहीं, इससे डर है कि खतरा बढ़ता ही जाएगा.